जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान द्वारा सीजफायर उल्लंघन की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पाकिस्तानी सेना की तरफ से की जा रही अकारण फायरिंग में अब तक 16 आम नागरिकों की जान जा चुकी है, जबकि एक भारतीय जवान शहीद हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है और कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
भारतीय सेना ने भी पाकिस्तान की उकसावे वाली कार्रवाई का करारा जवाब दिया है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के भीतर नौ स्थानों पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया गया, जिसमें 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया।

22 अप्रैल के हमले के बाद से तनाव चरम पर
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए हमले में 26 लोगों की मौत के बाद से ही हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है, जिसके चलते अब वह सीजफायर उल्लंघन और नागरिक ठिकानों को निशाना बना रहा है।
पाकिस्तानी सेना ने जहां सीमावर्ती गांवों में गोलाबारी की, वहीं भारत के 15 बड़े शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले की कोशिश भी की गई। हालांकि भारतीय वायु रक्षा प्रणाली (Air Defence System) ने समय रहते इन हमलों को नष्ट कर दिया।
महबूबा मुफ्ती ने दोनों देशों से संयम की अपील की
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने शांति की अपील की है। उन्होंने कहा,
“मौजूदा तनाव के कारण हमारे लोग प्रभावित हो रहे हैं। यह दोनों पक्षों की ओर से संयम बरतने और तनाव कम करने का समय है, क्योंकि निर्दोष लोग मारे जा रहे हैं।”
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अगर यह संघर्ष यूं ही जारी रहा, तो इसका प्रभाव पूरी दुनिया पर पड़ेगा।

“मिलिट्री एक्शन किसी समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। हमें इसे राजनीतिक तरीके से हल करना चाहिए। दोनों तरफ के लोग मर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के लोग कब तक मरते रहेंगे? हमारे बच्चों का खून क्यों बहाया जा रहा है?”
उन्होंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से अपील करते हुए कहा,
“दोनों देशों के नेताओं को बातचीत के माध्यम से हल निकालना चाहिए। हम न्यूक्लियर पावर हैं, अगर परमाणु हथियारों का इस्तेमाल हुआ तो तबाही मच जाएगी।”