इस्लामाबाद, पाकिस्तान: हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में घबराहट का माहौल है। भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई की आशंका से पाकिस्तान सरकार और वहां की सेना डर के साये में जी रही है। इसी भय के चलते पाकिस्तान ने पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) में अगले 10 दिनों तक सभी धार्मिक आयोजनों और मदरसों को बंद करने का आदेश जारी कर दिया है।
पाकिस्तानी अधिकारियों के मुताबिक, पीओके में स्थित 1000 से अधिक मदरसे और सार्वजनिक धार्मिक कार्यक्रम फिलहाल स्थगित कर दिए गए हैं। पाकिस्तानी सरकार ने इस निर्णय के पीछे सार्वजनिक रूप से “हीटवेव” को कारण बताया है, परंतु अंदरूनी रूप से यह भारत की संभावित सख्त प्रतिक्रिया के डर को स्वीकार करने जैसा है।

पाक अधिकारी का बयान: “दो हीटवेव झेल रहा है पाकिस्तान”
रॉयटर्स न्यूज एजेंसी से बात करते हुए पाकिस्तानी अधिकारी हाफिज नाजिर अहमद ने स्वीकार किया कि यह निर्णय “रक्षात्मक उपाय” के तौर पर लिया गया है। उन्होंने कहा:
“इन दिनों पाकिस्तान दो हीटवेव का सामना कर रहा है – एक मौसमी, और दूसरा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्रोध से उपजा राजनीतिक दबाव।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि नोटिफिकेशन में भले ही मौसम को कारण बताया गया हो, लेकिन असल वजह भारत से संभावित सैन्य कार्रवाई का भय है।
पाकिस्तान के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, केवल पीओके में ही 445 पंजीकृत मदरसे हैं, जिनमें करीब 26,000 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इन संस्थानों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।

भारत की सतर्क निगरानी: PoK में आतंकी शिविरों पर नजर
भारत पिछले कई वर्षों से पीओके में स्थित आतंकी लॉन्च पैड्स और प्रशिक्षण शिविरों पर सख्त निगरानी बनाए हुए है। कई खुफिया रिपोर्टों में इन मदरसों के जिहादी गतिविधियों में शामिल होने के सबूत मिले हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा अचानक इतने बड़े स्तर पर धार्मिक गतिविधियों को बंद करना आशंका और भय का प्रतीक है। यह 2016 के सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पहला मौका है जब पाकिस्तान ने इतने बड़े स्तर पर अंदरूनी सावधानी बरती है।