नई दिल्ली: देश में नवाचार को नई गति देने और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी के भारत मंडपम में आयोजित ‘युग्म (YUGM)’ सम्मेलन का शुभारंभ करेंगे। यह सम्मेलन सरकार, शिक्षा जगत, उद्योग और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र के शीर्ष दिग्गजों को एक मंच पर लाकर देश में नवाचार तंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल साबित होगा।
युग्म सम्मेलन लगभग 1,400 करोड़ रुपये की सहयोगी परियोजना द्वारा संचालित किया जा रहा है, जिसमें वाधवानी फाउंडेशन और विभिन्न सरकारी प्रतिष्ठानों ने संयुक्त निवेश किया है। इस पहल का उद्देश्य देश में नवाचार आधारित विकास को गति देना और प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर तथा नवप्रवर्तन आधारित भारत के विजन को साकार करना है।

सम्मेलन में कई प्रमुख नवाचार परियोजनाओं का शुभारंभ किया जाएगा, जो अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में भारत को वैश्विक नेतृत्व प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।
IIT कानपुर और IIT बॉम्बे में बनेंगे अत्याधुनिक सुपरहब
युग्म सम्मेलन के तहत देश के प्रमुख तकनीकी संस्थानों में सुपरहब स्थापित किए जाएंगे:
- IIT कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और इंटेलिजेंट सिस्टम पर केंद्रित सुपरहब बनाया जाएगा।
- IIT बॉम्बे में जैव विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और चिकित्सा क्षेत्रों में अत्याधुनिक अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सुपरहब की स्थापना होगी।
इसके अतिरिक्त, अनुसंधान के व्यावसायीकरण को प्रोत्साहित करने हेतु शीर्ष संस्थानों में वाधवानी इनोवेशन नेटवर्क (WIN) केंद्र स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, अनुसंधान और नवाचार के विस्तार के लिए राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के साथ रणनीतिक साझेदारी भी की जाएगी।

सम्मेलन के मुख्य आकर्षण
युग्म सम्मेलन में विभिन्न उच्च स्तरीय कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिनमें शामिल हैं:
- उच्च स्तरीय गोलमेज बैठकें: नीति निर्माताओं, उद्योगपतियों और शिक्षाविदों के बीच नवाचार से जुड़े प्रमुख विषयों पर संवाद।
- पैनल परिचर्चाएं: विशेषज्ञों द्वारा नवाचार, अनुसंधान और स्टार्टअप्स के भविष्य पर आधारित विचार-विमर्श।
- डीप टेक स्टार्टअप शोकेस: देशभर से चुने गए अत्याधुनिक नवाचारों का प्रदर्शन, जिसमें एआई, बायोटेक्नोलॉजी, हेल्थटेक और अन्य क्षेत्रों की नवीनतम तकनीकें शामिल होंगी।
- विशेष नेटवर्किंग सत्र: स्टार्टअप्स, उद्योग, शिक्षाविदों और नीति निर्माताओं के बीच सहयोग और साझेदारी बढ़ाने के अवसर।