Thursday, April 24, 2025
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प्रेरणादायी परंपरा: राउमावि बजावा सुरोंका में शिक्षकों की नवाचारपूर्ण पहल, प्रमोशन की खुशी को विद्यालय विकास में दिया योगदान

झुंझुनूं, 23 अप्रैल 2025: ज़िले के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बजावा सुरोंका में कार्यरत तीन वरिष्ठ शिक्षकों—देवेंद्र (उप प्रधानाचार्य), विजेंद्र पाल सिंह (वरिष्ठ अध्यापक विज्ञान) और सुशीला खोथ (वरिष्ठ अध्यापिका अंग्रेजी)—को हाल ही में क्रमशः प्रधानाचार्य, व्याख्याता जीवविज्ञान और व्याख्याता अंग्रेजी पद पर पदोन्नति प्राप्त हुई है।

प्रमोशन की इस खुशी को महज व्यक्तिगत उत्सव तक सीमित न रखते हुए तीनों शिक्षकों ने एक सराहनीय निर्णय लेते हुए विद्यालय के विकास हेतु आर्थिक सहयोग प्रदान किया। देवेंद्र ने 21000 रुपये, विजेंद्र पाल सिंह ने 5100 रुपये तथा सुशीला खोथ ने भी 5100 रुपये का सहयोग भेंट स्वरूप विद्यालय को सौंपा।

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विद्यालय परिवार ने जताया आभार

शिक्षकों के इस सराहनीय कदम से विद्यालय परिवार में उत्साह की लहर दौड़ गई। प्रधानाचार्य, समस्त स्टाफ सदस्य एवं विद्यालय विकास समिति (एसडीएमसी) के प्रतिनिधियों ने इस प्रेरक कार्य की प्रशंसा करते हुए तीनों शिक्षकों का आभार प्रकट किया। साथ ही उनके उज्ज्वल भविष्य और उत्तम स्वास्थ्य की कामना भी की गई।

पुरानी परंपरा को नई ऊर्जा

विद्यालय में पहले से ही शिक्षकों द्वारा सहयोग की परंपरा रही है, किंतु इस पहल ने इसे एक नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है। विद्यार्थियों और अन्य स्टाफ सदस्यों ने भी इस कदम का स्वागत करते हुए इसे अनुकरणीय बताया।

छात्रों के लिए बनी प्रेरणा

शिक्षकों के इस समर्पण ने विद्यालय के वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार किया है। इससे यह संदेश गया है कि जब शिक्षक स्वयं समाज और संस्था के प्रति उत्तरदायित्व निभाते हैं, तो विद्यार्थियों में भी सेवा भाव और सामाजिक दायित्व की भावना विकसित होती है।

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भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक

यह योगदान महज़ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि संस्था के प्रति भावनात्मक जुड़ाव और समर्पण का सजीव उदाहरण है। जब शिक्षक नेतृत्व की भूमिका में खुद आगे आते हैं, तो यह पूरे शैक्षणिक वातावरण को प्रेरित करता है।

इस पहल ने यह स्पष्ट कर दिया है कि नवाचार केवल शिक्षण विधियों तक सीमित नहीं होता, बल्कि संस्था के प्रति व्यवहारिक योगदान में भी झलकता है। राउमावि बजावा सुरोंका के इन शिक्षकों की यह मिसाल आने वाले समय में अनेक विद्यालयों के लिए प्रेरणा बनेगी।

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