झुंझुनूं, 17 अप्रैल 2025: ग्राम पंचायत उदावास को नगर परिषद झुंझुनूं में शामिल करने के प्रस्ताव को लेकर ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला है। बुधवार को पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह मिल की अगुवाई में ग्रामीणों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचा, जहां उन्होंने प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर इस प्रस्ताव का तीव्र विरोध दर्ज कराया।

ग्रामवासियों ने जताया विरोध, कहा- “पहचान खत्म करने की साजिश”
ग्रामीणों ने स्पष्ट रूप से कहा कि ग्राम पंचायत उदावास की वर्तमान संरचना वर्षों से चली आ रही है, जिसने गांव की पहचान, पारंपरिक प्रशासनिक व्यवस्था और स्थानीय विकास योजनाओं को मजबूती दी है। उनका कहना है कि इस पंचायत का नगर परिषद में विलय करना न केवल ग्रामीण पहचान को खत्म करने जैसा है, बल्कि यह निर्णय बिना ग्रामवासियों की सहमति के लिया गया है, जो लोकतांत्रिक प्रक्रिया के पूर्णतः विरुद्ध है।
ग्रामीणों का तर्क:
- यह निर्णय ग्राम पंचायत की प्रशासनिक स्वायत्तता को प्रभावित करेगा।
- गांव की पारंपरिक पहचान और संस्कृति पर संकट खड़ा होगा।
- नगर परिषद में शामिल होने पर करों का बोझ बढ़ेगा और योजनाओं का बंटवारा असमान हो जाएगा।
- ग्रामीण क्षेत्रों की विकास आवश्यकताएं शहरी ढांचे में दबकर रह जाएंगी।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे ये प्रमुख ग्रामीण
इस विरोध प्रदर्शन में गांव के अनेक गणमान्य नागरिक शामिल रहे, जिनमें लच्छूराम, सुरेंद्र रेप्सवाल, कैलाश, संजय महला, सीताराम भूरिया, बनवारीलाल महला, अनिल रेप्सवाल, नरेंद्र लोटासरा, बालवीर, पप्पू सिंह शेखावत, लादूराम मिल, सईराम, राजेश, जगदीश, रिटायर्ड प्रिंसिपल श्रीराम रेप्सवाल, देवेंद्र, सरदारराम, जितेंद्र शेखावत, पन्ने सिंह शेखावत, बाबूदान सिंह शेखावत, सुरेश मीणा, विजयपाल मिल, प्रभाती लाल गुर्जर और राजेंद्र लंबा सहित सैकड़ों ग्रामीण शामिल थे।
इन सभी ने मिलकर ज्ञापन में मांग की कि ग्राम पंचायत उदावास की स्वायत्तता को सुरक्षित रखा जाए और इसे नगर परिषद की सीमा में शामिल करने के किसी भी प्रयास को तत्काल रोका जाए।

जनांदोलन की चेतावनी
पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह मिल ने कहा कि यदि ग्रामीणों की इस मांग पर प्रशासन ने गंभीरता से विचार नहीं किया, तो गांववासी शांत नहीं बैठेंगे। उन्होंने चेतावनी दी कि जल्द ही एक बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा, जिसमें उग्र प्रदर्शन और धरना-प्रदर्शन जैसे कदम उठाए जाएंगे।