लखनऊ, उत्तर प्रदेश: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर केंद्र व राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि आज देश में संविधान और सामाजिक न्याय पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है, और इसके लिए सीधे तौर पर भारतीय जनता पार्टी जिम्मेदार है। उन्होंने अंबेडकर की प्रतिमाओं को खंडित करने की घटनाओं पर नाराज़गी जताई और दलित समाज पर हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की।
संविधान कमजोर होगा तो लोकतंत्र कमजोर होगा: अखिलेश
अखिलेश यादव ने अंबेडकर जयंती पर कहा, “आज देश और समाज को संविधान से चलना चाहिए। संविधान अगर कमजोर होगा तो हमारा लोकतंत्र भी कमजोर होगा।” उन्होंने आगे कहा कि डॉ. अंबेडकर न केवल संविधान के शिल्पकार थे, बल्कि उन्होंने दलित, पिछड़े और वंचित समाज को न्याय और स्वाभिमान का हथियार दिया।

उन्होंने आगरा की घटना का उल्लेख करते हुए सवाल उठाया, “रामजी लाल सुमन के साथ क्या हुआ? लोग खुलेआम हथियार लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं और धमकी दी जा रही है कि जान ले ली जाएगी।” अखिलेश ने कहा कि ये घटनाएं दिखाती हैं कि संविधान और कानून व्यवस्था पर सरकार का नियंत्रण नहीं रहा।
“यह वहीं लोग हैं जो अंबेडकर को नहीं मानते”
अखिलेश ने बीजेपी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा, “जो लोग बाबा साहब को नहीं मानते, वही लोग संविधान और लोकतंत्र का भी सम्मान नहीं करते। ये वे ताकतें हैं जिन्होंने सदियों तक समाज का शोषण किया है और आज भी दलित समाज को दबाने की कोशिश कर रहे हैं।” प्रयागराज की घटना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वहां एक दलित परिवार को जिंदा जला दिया गया और आरोपी बीजेपी से जुड़े हुए हैं।
“संविधान ही संजीवनी है, संविधान ही ढाल है” – सोशल मीडिया संदेश
अंबेडकर जयंती के अवसर पर सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए अपने संदेश में अखिलेश यादव ने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समाज से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर अंबेडकर की विरासत को बचाएं। उन्होंने लिखा:
“आइए ‘सामाजिक न्याय के राज’ की स्थापना के लिए अपने ‘स्वाभिमान-स्वमान’ की अनुभूति को और सुदृढ़ करके, बाबासाहेब की देन ‘संविधान और आरक्षण’ को बचाने के लिए पीडीए आंदोलन को नई ताक़त दें।”
उन्होंने यह भी कहा कि “जब तक संविधान सुरक्षित रहेगा, तब तक हम सबका मान-सम्मान-स्वाभिमान और अधिकार सुरक्षित रहेगा।”

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“संघर्ष को समारोह में बदलें” – अखिलेश का आह्वान
सपा प्रमुख ने कहा कि ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के आधार पर पीडीए समाज की एकता ही भविष्य में निर्णायक बदलाव लाएगी। उन्होंने लिखा:
“पीडीए की एकता ही संविधान और आरक्षण बचाएगी, पीडीए की एकजुटता ही सुनहरा भविष्य बनाएगी। आइए अपने ‘स्वाभिमान-स्वमान’ के इस संघर्ष को समारोह में बदल दें।”