अहमदाबाद, गुजरात: कांग्रेस के 84वें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान एक तस्वीर और 35 सेकंड का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसने राजनीतिक हलकों में नया विवाद खड़ा कर दिया है। वायरल वीडियो और तस्वीर में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को कार्यक्रम के दौरान सोफे से हटकर एक अलग कुर्सी पर बैठे हुए देखा गया, जबकि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अंबिका सोनी, और अन्य वरिष्ठ नेता सोफे पर एक साथ बैठे हुए नज़र आए।

कांग्रेस की तस्वीर से उपजा विवाद
विवाद उस समय गहराया जब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने वीडियो को ट्विटर (एक्स) पर साझा करते हुए लिखा—
“अगर खड़गे जी के लिए अलग कुर्सी लगानी ही थी तो उसे बीच में क्यों नहीं लगाया गया? वो पार्टी के अध्यक्ष हैं और बुजुर्ग भी हैं।“
इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस पर ‘भीतरघात’ और ‘प्रोटोकॉल की अनदेखी’ जैसे आरोप लगने शुरू हो गए हैं। सोशल मीडिया पर इसे लेकर कांग्रेस नेतृत्व की कथित आंतरिक संरचना और ‘एक परिवार’ की प्राथमिकता पर भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं।
क्या है वीडियो में?
वायरल हो रहे 35 सेकंड के वीडियो में देखा जा सकता है कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी को मल्लिकार्जुन खड़गे स्वयं बुलाते हैं और पास आकर बैठने का आग्रह करते हैं। इसके बाद अंबिका सोनी को सोनिया गांधी के पास वाले सोफे पर बैठाया जाता है।
सोफे की दूसरी ओर राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल पहले से ही बैठे हुए थे। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे उस दौरान एक अलग साधारण कुर्सी पर बैठे दिखते हैं, जो मुख्य सोफे से दूरी पर थी।
कार्यक्रम का संदर्भ
यह दृश्य अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आयोजित प्रार्थना सत्र के दौरान का है। बता दें कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक मंगलवार को सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय स्मारक में हुई थी। इसके अगले दिन, बुधवार को साबरमती रिवरफ्रंट पर AICC (अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी) का मुख्य सत्र आयोजित किया गया।

यह 64 वर्षों में पहली बार है जब कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक गुजरात में आयोजित की गई। कांग्रेस के 84वें राष्ट्रीय अधिवेशन का यह आयोजन गुजरात में चुनावी दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
बीजेपी ने साधा कांग्रेस पर निशाना
अमित मालवीय के अलावा कई अन्य बीजेपी नेताओं और समर्थकों ने कांग्रेस पर ‘दिखावे की एकता’ और ‘असली नेतृत्व की अनदेखी’ जैसे आरोप लगाए। बीजेपी प्रवक्ताओं ने कहा कि “यह तस्वीर कांग्रेस के आंतरिक भेदभाव और परिवारवादी राजनीति का प्रमाण है, जहां चुने हुए अध्यक्ष की गरिमा का भी सम्मान नहीं किया जाता।”