अमेरिका: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में एक विस्फोटक वीडियो शेयर कर वैश्विक राजनीति में हलचल मचा दी है। इस वीडियो में कथित रूप से यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों पर अमेरिकी हवाई हमले का दृश्य दिखाया गया है। ट्रंप द्वारा साझा किया गया यह वीडियो न केवल सैन्य शक्ति के प्रदर्शन का प्रतीक बन गया है, बल्कि यह अमेरिका की मौजूदा विदेश नीति और रणनीतिक दृष्टिकोण का भी स्पष्ट संकेत देता है।

ट्रंप का सख्त संदेश: “अब हूती हमला नहीं करेंगे”
वीडियो के साथ ट्रंप ने अपने बयान में हूती विद्रोहियों के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाते हुए लिखा –
“ये लोग हमला करने की योजना बना रहे थे। उफ! अब ये हूती दोबारा हमला नहीं करेंगे। वे हमारे जहाजों को फिर कभी नहीं डुबा पाएंगे।”
ट्रंप का यह संदेश सीधे तौर पर हूतियों को चेतावनी और अमेरिकी जनता को विश्वास दिलाने वाला माना जा रहा है कि अमेरिका अपनी सामरिक सीमाओं की रक्षा के लिए तत्पर है।
वीडियो में क्या दिखा?
इस वायरल वीडियो में दर्जनों लोग एक गोलाकार समूह में खड़े नजर आते हैं। अचानक एक तेज़ विस्फोट होता है, जिससे ज़मीन से उठती धूल और धुएं का गुबार पूरे इलाके को ढंक लेता है। विस्फोट के बाद कैमरा ज़ूम आउट करता है और आसपास खड़ी गाड़ियों का दृश्य सामने आता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि हमला पूर्व नियोजित और सटीक रूप से अंजाम दिया गया था।
These Houthis gathered for instructions on an attack. Oops, there will be no attack by these Houthis!
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) April 4, 2025
They will never sink our ships again! pic.twitter.com/lEzfyDgWP5
रेड सी में बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि
यमन के हूती विद्रोही पिछले कुछ महीनों से रेड सी क्षेत्र में अमेरिकी और वाणिज्यिक जहाजों पर हमले कर रहे हैं। विश्लेषकों के अनुसार, ये हमले इज़राइल-हमास संघर्ष (जो 2023 में शुरू हुआ था) के समर्थन में किए जा रहे हैं। अमेरिका ने इन हमलों का जवाब यमन में हूती ठिकानों को निशाना बनाकर दिया है।
Associated Press की रिपोर्ट के मुताबिक, हालिया अमेरिकी हमलों में छह लोगों की मौत हुई है, जबकि हूती समूह ने 67 लोगों की मौत की पुष्टि की है।
अमेरिका की रणनीति: ईरान पर अप्रत्यक्ष दबाव
हूती विद्रोहियों को ईरान का समर्थन प्राप्त है। विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा हूतियों पर हमला दरअसल ईरान पर दबाव बनाने की रणनीति है, ताकि उसका बढ़ता परमाणु कार्यक्रम और पश्चिम एशिया में प्रभाव रोका जा सके। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने एक बयान में कहा –
“इन हमलों के बाद ईरान की रणनीतिक स्थिति कमजोर हुई है। यह हमारी विदेश नीति का स्पष्ट परिणाम है।”

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ट्रंप का वीडियो: राजनीति और सैन्य नीति का मिश्रण
डोनाल्ड ट्रंप का यह वीडियो शेयर करना केवल एक सैन्य कार्रवाई का प्रचार मात्र नहीं है, बल्कि यह उनके सख्त विदेश नीति के दृष्टिकोण का संकेत भी है। उनके इस कदम से यह स्पष्ट होता है कि यदि वे सत्ता में लौटते हैं, तो अमेरिका की सुरक्षा प्राथमिकताओं में कठोर कार्रवाई, सैन्य शक्ति का सार्वजनिक प्रदर्शन और विरोधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति सर्वोपरि रहेगी।