विद्यार्थियों ने सृजनात्मकता का प्रदर्शन कर विज्ञान के नए आयाम दिखाए
चिड़ावा – झुंझुनू रोड स्थित एम.डी. लिटिल फ्लावर स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय निदेशक सुनिल डांगी, समित डांगी और प्रधानाध्यापक अंकित शर्मा द्वारा किया गया। प्रदर्शनी में छात्रों ने विज्ञान से जुड़े विविध मॉडल और चार्ट प्रदर्शित किए, जिससे उनकी वैज्ञानिक सोच और रचनात्मकता का बेहतरीन प्रदर्शन हुआ।
विज्ञान के प्रति बढ़ रही जागरूकता
शुभारंभ के दौरान विद्यालय निदेशक सुनिल डांगी ने कहा कि विज्ञान हमारे जीवन की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करता है और हमारे संदेहों को दूर करता है। उन्होंने यह भी बताया कि आज भारत विज्ञान के क्षेत्र में शिखर पर है और चिकित्सा तकनीक में नए-नए आविष्कार हो रहे हैं। वर्तमान में युवाओं में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा लगातार बढ़ रही है, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
विद्यार्थियों ने बनाए विज्ञान मॉडल
प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा का परिचय देते हुए विभिन्न मॉडलों का प्रदर्शन किया। इनमें प्रमुख रूप से सी.वी. रमन प्रभाव, ओजोन डिप्लेशन, सौर ऊर्जा संयंत्र, वर्षा जल संरक्षण, जियोमेट्रिक पार्क, स्मार्ट सिटी, श्वसन तंत्र, पाचन तंत्र, वाटर डिस्पेंसर, वैक्यूम क्लीनर, एटीएम मशीन और इलेक्ट्रिक डस्टबिन जैसे मॉडल शामिल रहे।
अतिथियों ने किया अवलोकन
विद्यालय निदेशक समित डांगी, प्रधानाध्यापक अंकित शर्मा, समन्वयक उदित योगी और दीपाली शर्मा ने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए मॉडलों और चार्ट का अवलोकन किया और उनकी सराहना की। उन्होंने छात्रों को अभी से विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
शिक्षकों और स्टाफ की रही सहभागिता
इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षक और स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से निधि शर्मा, सुनील श्योराण, सरिता रोहिला, मनीषा योगी, पायल गोयल, मनीष शर्मा, रजनीकांत, अमितांश, ज्योति, अंजना, आरती जांगिड़, अनिता जांगिड़, सीमा शर्मा, पायल, पुष्पा लाटा, बबीता लाटा, निर्मला शर्मा, कोमल, रोमिल, नीरज, सोनाक्षी, मंजू और भूपेंद्र शर्मा आदि शामिल रहे।
छात्रों में दिखा उत्साह और सीखने की ललक
प्रदर्शनी में भाग लेने वाले छात्रों ने विज्ञान के प्रति अपनी रुचि और उत्साह को प्रदर्शित किया। इस आयोजन से उन्हें न केवल वैज्ञानिक सिद्धांतों को व्यावहारिक रूप से समझने का अवसर मिला, बल्कि उनकी नवाचार और अनुसंधान क्षमता को भी मजबूती मिली।
विद्यालय प्रशासन ने घोषणा की कि भविष्य में भी ऐसे आयोजनों को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि विद्यार्थियों में विज्ञान और तकनीक के प्रति रुचि बनी रहे।