Monday, February 24, 2025
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ कार्यक्रम में छात्रों से किया संवाद, तनाव मुक्त परीक्षा के लिए दिए महत्वपूर्ण टिप्स

नई दिल्ली: दिल्ली स्थित सुंदर नर्सरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल भी हर साल की तरह, ‘परीक्षा पे चर्चा 2025’ कार्यक्रम के तहत छात्रों से मुलाकात की। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने छात्रों को परीक्षा के तनाव से निपटने के लिए महत्वपूर्ण टिप्स दिए। उन्होंने छात्रों से चर्चा करते हुए परीक्षा के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला और उन्हें तनावमुक्त रहने के लिए प्रेरित किया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “हमारे समाज में दुर्भाग्य से यह धारणा बन गई है कि अगर हम 10वीं-12वीं में अच्छे नंबर नहीं लाते तो हमारी जिंदगी तबाह हो जाएगी। इस सोच ने घरों में तनाव पैदा किया है। ऐसे में, सबसे पहले आपको खुद को मानसिक रूप से तैयार करना होगा। अपनी पढ़ाई के दौरान तनाव को न लें, बल्कि यह तय करें कि आज आपको कितना पढ़ना है। अगर आप यही काम कर पाते हैं, तो आप खुद को इस तनाव से बाहर निकाल सकते हैं।”

स्वास्थ्य और पोषण पर की चर्चा

कार्यक्रम के दौरान, प्रधानमंत्री ने छात्रों से उनके खान-पान और पोषण पर भी बातचीत की। उन्होंने कहा, “बीमारी न होना यह नहीं दर्शाता कि हम पूरी तरह से स्वस्थ हैं। हमें अपनी सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए।” प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को स्वस्थ जीवनशैली और सही आहार के महत्व को समझाया।

पढ़ाई के साथ रिलेक्स होने की भी जरूरत

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि, “पढ़ाई के साथ-साथ थोड़ी सी रिलेक्स होने की भी आवश्यकता है। माता-पिता को यह समझाना होगा कि बच्चे रोबोट की तरह नहीं जी सकते, उन्हें आराम और थोड़ी मस्ती की भी आवश्यकता होती है।”

सम्मान और नेतृत्व पर विचार

प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से कहा, “आप सम्मान मांग नहीं सकते, आपको इसे कमाना पड़ता है। लीडर बनने के लिए टीमवर्क बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए धैर्य का होना जरूरी है।” प्रधानमंत्री ने बताया कि, “लीडरशिप थोप कर नहीं आती, बल्कि यह आपके आचरण, काम और अपने साथियों से विश्वास की प्रक्रिया के रूप में विकसित होती है।”

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स्कूली अनुभव और परीक्षा के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने स्कूली अनुभव को साझा करते हुए छात्रों को सलाह दी कि वे अपनी हैंडराइटिंग पर ध्यान दें और मैथ्स के सवालों को हल करने के तरीके अपनाएं। साथ ही उन्होंने कहा, “जीवन में अंक मायने नहीं रखते, परीक्षा नहीं, बल्कि ज्ञान जरूरी है।”

क्रिकेट मैच का उदाहरण

प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों को बाहरी दबावों से मुक्त रहने का संदेश देते हुए क्रिकेट मैच का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, “जब क्रिकेट मैच हो रहा होता है, तो स्टेडियम में भीड़ चिल्लाती है, ‘सिक्स’ या ‘फोर’ लेकिन क्या बल्लेबाज उनकी बात सुनता है? नहीं, वह गेंद पर ध्यान केंद्रित करता है। ठीक वैसे ही, हमें बाहरी दबाव के बजाय अपनी जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”

खुद को चुनौती देने की बात कही

प्रधानमंत्री ने छात्रों से आग्रह किया कि वे खुद को चुनौती दें। “बहुत से लोग अपनी लड़ाई खुद नहीं लड़ते हैं। क्या आपने कभी खुद से लड़ाई लड़ने का फैसला किया है?” उन्होंने कहा, “अपनी लाइफ को समझें, खुद से पूछें कि आप क्या बन सकते हैं, क्या कर सकते हैं और आपको क्या चीज संतुष्टि दे सकती है।”

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