महाकुंभ में हजारों मौतों के दावे पर हंगामा, सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक
नई दिल्ली। राज्यसभा में सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान के बाद जोरदार हंगामा हो गया। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान खरगे ने केंद्र सरकार पर तीखे सवाल दागे, लेकिन इस दौरान उनकी टिप्पणी और तीखी प्रतिक्रिया का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
महाकुंभ में ‘हजारों मौतों’ के दावे पर मचा बवाल
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे ने महाकुंभ के दौरान हजारों लोगों की मौत का दावा करते हुए कहा, “महाकुंभ में हजारों लोग मारे गए हैं, मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।” उनके इस बयान के बाद सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष के सांसदों ने इस दावे का विरोध किया और इसे अत्यधिक सनसनीखेज करार दिया।
सभापति जगदीप धनखड़ ने भी इस बयान पर आपत्ति जताते हुए कहा, “यदि आप हजारों लोगों के मरने की बात करते हैं, तो मैं आपसे अपील करता हूं कि आप अपने वक्तव्य पर पुनर्विचार करें। आपके बयान का महत्व है और इससे गलत संदेश जा सकता है।”
खरगे ने जवाब में कहा, “अगर मैं गलत हूं तो माफी मांगने के लिए तैयार हूं, लेकिन सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि महाकुंभ में कितने लोगों की मृत्यु हुई है।”
नीरज शेखर पर खरगे की तीखी टिप्पणी, वीडियो वायरल
बातचीत के दौरान खरगे और भाजपा सांसद नीरज शेखर के बीच तीखी नोकझोंक हो गई। नीरज शेखर, जो पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे हैं, ने खरगे की टिप्पणी के दौरान टोका, जिससे खरगे भड़क गए।
वायरल वीडियो में खरगे को यह कहते हुए सुना जा सकता है,
“तेरा बाप का भी मैं साथी था, तू क्या बात करता है? चुप बैठ।”
इसके साथ ही उन्होंने नीरज शेखर की ओर इशारा करते हुए बैठने का इशारा किया।
खरगे के इस बयान पर सत्ता पक्ष के सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई और सदन में शोरगुल शुरू हो गया। विपक्षी सांसदों ने खरगे का समर्थन किया, वहीं सत्ताधारी दल के सदस्यों ने उनके बयान को अनुशासनहीनता बताया।
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सरकार को घेरा
खरगे ने अपने भाषण में केंद्र सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में सरकार की विफलताओं को उपलब्धियों के रूप में प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा, “यह अमृत काल नहीं, बल्कि विष काल है। पिछले 10 साल में एक लाख किसानों ने आत्महत्या की है। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिल रहा, और उनकी आय दोगुनी करने का वादा खोखला साबित हुआ है।”
उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि बेरोजगारी ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, और सरकारी नौकरियों के 35 से 40 लाख पद खाली पड़े हैं। खरगे ने पूछा, “22 करोड़ नौकरियों का वादा किया गया था, वो नौकरियां कहां हैं?”
महंगाई और बेरोजगारी पर तीखा प्रहार
खरगे ने कहा कि देश में महंगाई ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। “गांव और देहात के लोगों की स्थिति और भी बदतर हो चुकी है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा, जबकि सरकारी विभागों में लाखों पद खाली हैं।”
उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार बजट में किसानों और गरीबों के लिए क्या लेकर आई है? “तकरीरें देने या गंगा में डुबकी लगाने से पेट नहीं भरता,” खरगे ने कटाक्ष किया।
GST, नोटबंदी और कोविड प्रबंधन पर आलोचना
केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों की आलोचना करते हुए खरगे ने कहा कि GST और नोटबंदी जैसे फैसलों ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कोविड प्रबंधन को भी विफल बताया।
खरगे ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में जो उपलब्धियां हासिल की गईं, मौजूदा सरकार उन्हें दोहरा नहीं सकती।”
सदन में गरम माहौल, विपक्ष और सत्ता पक्ष आमने-सामने
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सदन का माहौल बेहद गरम रहा। सत्ता पक्ष के सांसदों ने खरगे से अपने बयान पर माफी मांगने की मांग की, जबकि विपक्ष ने खरगे का समर्थन किया।
सभापति जगदीप धनखड़ ने स्थिति को संभालने की कोशिश की और कहा, “सदन में गरिमा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।”