Monday, February 3, 2025
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धीरेंद्र शास्त्री का जिक्र सुनते ही ममता कुलकर्णी भड़कीं, बोलीं – ‘चुपचाप बैठ जाएं, बाबा रामदेव पर भी साधा निशाना’

महामंडलेश्वर पद विवाद के बीच ममता कुलकर्णी का तीखा पलटवार, बाबा रामदेव और धीरेंद्र शास्त्री को दी नसीहत

नई दिल्ली 03 जनवरी 2025: पूर्व बॉलीवुड अभिनेत्री ममता कुलकर्णी एक बार फिर सुर्खियों में हैं, लेकिन इस बार वजह उनके अभिनय या निजी जिंदगी से नहीं, बल्कि आध्यात्मिक दुनिया से जुड़ी है। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद पैदा हुए विवाद के चलते न केवल उनका पद छिन गया, बल्कि साधु-संतों के विरोध के बीच उनके बयानों ने भी हलचल मचा दी है। खासकर, बाबा रामदेव और बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री के विरोध पर ममता ने तीखे शब्दों में पलटवार किया।

‘बाबा रामदेव को महाकाल का डर होना चाहिए’ – ममता का खुला जवाब

हाल ही में एक टीवी शो ‘आप की अदालत’ में पहुंचीं ममता कुलकर्णी से जब बाबा रामदेव के विरोध को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बेबाकी से जवाब देते हुए कहा,
“अब मैं क्या बोलूं बाबा रामदेव को? उनको महाकाल और महाकाली का डर होना चाहिए। मैं उन्हें उनके कर्मों पर छोड़ती हूं।”

उनके इस बयान ने दर्शकों के बीच सन्नाटा और उत्सुकता दोनों भर दी। ममता के आत्मविश्वास और उनके तानों में छुपे संदेश ने साफ कर दिया कि वो इस मुद्दे पर चुप बैठने वालों में से नहीं हैं।

धीरेंद्र शास्त्री पर सीधा निशाना: ‘जितनी तुम्हारी उम्र है, उतनी तपस्या की है मैंने’

सबसे ज्यादा चर्चा उनके उस बयान की हो रही है, जिसमें उन्होंने बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर निशाना साधा। ममता ने तीखे लहजे में कहा,
“वो नैपी… धीरेंद्र शास्त्री है। जितनी उनकी उम्र है, उतनी तपस्या मैंने की है। जिनको वो सिद्ध कर रहे हैं, वो हनुमान हैं। मेरी 23 साल की तपस्या में दो बार प्रत्यक्ष स्वरूप में उनके साथ मेरा रहना हुआ है।”

यहीं नहीं रुकीं ममता। उन्होंने आगे कहा,
“मैं धीरेंद्र शास्त्री से कहना चाहती हूं कि अपने गुरु रामभद्राचार्य से पूछिए, जिनके पास दिव्य दृष्टि है, कि मैं कौन हूं। फिर चुपचाप बैठ जाएं।”

उनकी इस प्रतिक्रिया ने न केवल दर्शकों को चौंका दिया बल्कि साधु-संतों के बीच भी एक नई बहस छेड़ दी है।

महामंडलेश्वर पद पर विवाद: ‘मैंने पैसे नहीं दिए, उल्टा उधार लिया’

महामंडलेश्वर पद से हटाए जाने के बाद ममता पर यह आरोप भी लगे कि उन्होंने यह पद पैसे देकर हासिल किया। इस पर उन्होंने अपनी सफाई देते हुए कहा,
“मेरे पास तो कोई पैसा नहीं है। मेरे सभी बैंक खाते सीज हैं। मैंने तो दो लाख रुपये उधार लेकर गुरु भेंट दी है।”

ममता ने खुलासा किया कि वो महामंडलेश्वर बनना ही नहीं चाहती थीं, लेकिन किन्नर अखाड़े की आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने उन्हें इसके लिए मजबूर किया।

“मैं तैयार नहीं थी, लेकिन लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के आग्रह पर मैंने हां कहा।”

विवाद के केंद्र में ममता कुलकर्णी: क्या है आगे की राह?

यह विवाद केवल एक पद या कुछ साधु-संतों के विरोध तक सीमित नहीं रह गया है। ममता कुलकर्णी के इस नए अवतार ने न केवल आध्यात्मिक दुनिया में तूफान खड़ा कर दिया है बल्कि उनके व्यक्तिगत जीवन और आध्यात्मिक सफर पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।

क्या ममता इस विवाद के बाद फिर से शांत रहेंगी या उनका अगला कदम और भी बड़ा हंगामा खड़ा करेगा? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल इतना तय है कि ममता कुलकर्णी के बयानों की गूंज लंबे समय तक सुनाई देती रहेगी।

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