झुंझुनूं, 19 जनवरी 2025: वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिलने से परेशान एक बुजुर्ग शनिवार को कलेक्टर से बहस में उलझ गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। बाद में एसडीएम ने बुजुर्ग को जेल भेज दिया।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को सूचना केंद्र सभागार में पट्टा वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री विजय सिंह चौधरी, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, और ग्रामीण शामिल हुए। बीबासर निवासी 60 वर्षीय रामावतार डांगी भी अपनी पेंशन की समस्या लेकर वहां पहुंचे थे। वह दो महीने से पेंशन न मिलने से परेशान थे और मंत्री से मिलकर अपनी समस्या बताना चाहते थे।

कलेक्टर से बहस के बाद हुआ हंगामा
समारोह समाप्त होने के बाद रामावतार डांगी कलेक्टर रामावतार मीणा से मिलने पहुंचे। उन्होंने पेंशन न मिलने पर नाराजगी जताते हुए ऊंची आवाज में बात करनी शुरू कर दी। मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी बात जोर-जोर से कहते रहे। इसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया और उन्हें थाने ले गई।
कलेक्टर का बयान
कलेक्टर रामावतार मीणा ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कुछ लोग सरकारी कार्यक्रमों में व्यवधान डालने के लिए ऐसे व्यक्तियों को भेज देते हैं। उन्होंने कहा कि पेंशन से संबंधित कोई समस्या उनके सामने नहीं आई है, और ऐसे मामलों को लेकर अन्य उचित माध्यमों का उपयोग करना चाहिए।

परिवार का पक्ष
रामावतार डांगी के बेटे विक्की ने बताया कि उनके पिता पेंशन की समस्या को लेकर झुंझुनूं गए थे। दोपहर तीन बजे उन्हें कोतवाली थाने से फोन आया कि उनके पिता को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। जब वे थाने पहुंचे, तो उन्हें बताया गया कि एसडीएम के समक्ष पेश किया गया है। उन्होंने वकील की सहायता ली, लेकिन एसडीएम ने जमानत नहीं दी। अब सोमवार को जमानत कराई जाएगी।
घटना से उठे सवाल
यह घटना सरकारी प्रक्रियाओं और वृद्धावस्था पेंशन वितरण में सुधार की आवश्यकता पर सवाल उठाती है। सरकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र नागरिकों को समय पर और बिना परेशानी के मिलना चाहिए।