छतरपुर: बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने 21 नवंबर से हिंदू एकता पदयात्रा की शुरुआत कर दी है। यह यात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर ओरछा तक जाएगी। इस 9 दिवसीय यात्रा के माध्यम से धीरेंद्र शास्त्री हिंदू समाज को एकजुट करने और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। पदयात्रा में शामिल होने के लिए हजारों भक्त बागेश्वर धाम पहुंचे हैं।
हजारों भक्तों की उपस्थिति
इस यात्रा में भाग लेने के लिए देशभर से बड़ी संख्या में लोग बागेश्वर धाम पहुंचे। बीती रात धीरेंद्र शास्त्री ने वहां आए श्रद्धालुओं को संबोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने हिंदुओं पर हो रहे कथित अत्याचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदुओं को एकजुट होने की जरूरत है। उन्होंने कहा, “यह बजरंगवली के भक्तों की भक्ति का उबाल है और हिंदुओं की जागृति का प्रमाण है। जब हिंदू एकजुट होकर सड़कों पर उतरेंगे, तभी इस देश में उन पर हो रहे अत्याचारों का अंत होगा।”
वक्फ बोर्ड पर तीखी टिप्पणी
धीरेंद्र शास्त्री ने वक्फ बोर्ड पर टिप्पणी करते हुए कहा कि 2005 तक वक्फ के पास कुछ सौ एकड़ जमीन थी, लेकिन आज यह आंकड़ा साढ़े आठ लाख एकड़ तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा, “संसद पर तो यह दावा ठोक चुके हैं, कल को यहां भी ठोक देंगे।”

लव जिहाद और जनसंख्या पर चिंता
धीरेंद्र शास्त्री ने लव जिहाद का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कई लोग अपनी बेटियों को खो चुके हैं और यह स्थिति बेहद चिंताजनक है। उन्होंने कहा, “हम हिंदुओं को एकजुट करने का संकल्प लेकर चल रहे हैं। हिंदुओं की जनसंख्या घट रही है और यह देश के लिए बड़ा खतरा है।” उन्होंने अपने विवाह का संकेत देते हुए कहा कि सनातन धर्म को मजबूत करने के उद्देश्य से वह जल्द विवाह करेंगे।
जाति-पाति से ऊपर उठने का संदेश
बाबा बागेश्वर ने हिंदू समाज में व्याप्त जातिवाद पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, “जातियों में बंटकर हम निश्चित रूप से कमजोर हो रहे हैं। इस पदयात्रा का एक उद्देश्य यह भी है कि हिंदुओं को जाति-पाति के बंधनों से मुक्त किया जाए।”
9 दिनों में तय होगी 160 किमी की दूरी
यह पदयात्रा 21 नवंबर से शुरू होकर 29 नवंबर तक चलेगी। धीरेंद्र शास्त्री और उनके भक्त रोजाना लगभग 20 किमी पैदल चलेंगे। 9 दिनों में यह यात्रा 160 किमी की दूरी तय करते हुए ओरछा पहुंचेगी। यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर सभाएं और धर्म प्रचार के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
हिंदू एकता का उद्देश्य
इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना और सनातन धर्म की रक्षा करना है। धीरेंद्र शास्त्री ने अपने भक्तों से जाति और वर्ग से ऊपर उठकर धर्म की एकता के लिए कार्य करने का आह्वान किया है।