उत्तराखंड: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) के क्रियान्वयन के लिए तैयार नियमावली का ड्राफ्ट आज राज्य सरकार को सौंपा गया। नियमावली का यह ड्राफ्ट पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता वाली समिति ने तैयार किया है, जिसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सचिवालय में सौंपा गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक कदम है, और इसके क्रियान्वयन की तिथि तय करने के लिए जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की जाएगी।
चुनाव पूर्व वादे को पूरा करने की दिशा में बड़ा कदम
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2022 विधानसभा चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता लागू करने का वादा किया था। चुनावों के बाद अपनी पहली कैबिनेट बैठक में ही उन्होंने विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य UCC का प्रारूप तैयार करना था। अब इस समिति द्वारा तैयार किए गए ड्राफ्ट को राज्य मंत्रिमंडल के सामने प्रस्तुत किया जाएगा, जहां इसकी समीक्षा और मंजूरी के बाद इसे लागू करने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
UCC लागू करने वाला पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड
उत्तराखंड सरकार के इस कदम के बाद, राज्य स्वतंत्र भारत में समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने इशारा किया कि यह संहिता राज्य स्थापना दिवस यानी 9 नवंबर तक लागू हो सकती है। यदि ऐसा होता है, तो उत्तराखंड इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल करेगा।
नियमावली के प्रमुख बिंदु
इस समान नागरिक संहिता नियमावली में विवाह, तलाक, लिव-इन-रिलेशनशिप, जन्म और मृत्यु पंजीकरण, तथा उत्तराधिकार संबंधी नियमों का स्पष्ट रूप से विवरण दिया गया है। राज्य सरकार द्वारा 2022 में गठित विशेषज्ञ समिति ने इस ड्राफ्ट को तैयार किया, जिसे 7 फरवरी, 2024 को राज्य विधानसभा में पारित किया गया था। बाद में, राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद 12 मार्च, 2024 को इसे “उत्तराखंड समान नागरिक संहिता अधिनियम 2024” के रूप में पारित किया गया।
जन सामान्य के लिए पोर्टल और ऐप की सुविधा
समिति द्वारा तैयार नियमावली को हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में प्रस्तुत किया गया है। साथ ही, जन सामान्य की सुलभता के दृष्टिकोण से एक ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल ऐप भी विकसित किया गया है, जिससे पंजीकरण, अपील, और अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को आसान बनाया जा सके। इस सुविधा के माध्यम से नागरिक विवाह, तलाक, उत्तराधिकार और अन्य मामलों में ऑनलाइन पंजीकरण कर सकेंगे, जिससे समय की बचत और पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री का वक्तव्य और आगे की योजना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह ड्राफ्ट राज्य के समावेशी विकास और नागरिक अधिकारों की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार इस ड्राफ्ट का अध्ययन करेगी और जल्द ही इसे लागू करने की योजना बनाएगी। इसके लिए मंत्रिमंडल की बैठक जल्द आयोजित की जाएगी, जिसमें UCC की क्रियान्वयन की तिथि तय की जाएगी।
उत्तराखंड के नागरिकों ने इस कदम का स्वागत किया है, और राज्य सरकार पर विश्वास जताया है कि यह निर्णय राज्य में न्याय और समानता के नए आयाम स्थापित करेगा।