हरियाणा में सरकार गठन: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हरियाणा में सरकार गठन की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को संसदीय बोर्ड का पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने घोषणा की कि इन दोनों नेताओं पर हरियाणा में विधायक दल का नेता चुनने की जिम्मेदारी होगी।
अमित शाह को ऑब्जर्वर बनाए जाने पर सियासी हलचल
हरियाणा के सियासी गलियारों में यह चर्चा ज़ोरों पर है कि अमित शाह जैसे कद्दावर नेता को ऑब्जर्वर बनाने की ज़रूरत क्यों पड़ी, जबकि पार्टी पहले ही घोषणा कर चुकी है कि नायब सिंह सैनी हरियाणा के अगले मुख्यमंत्री होंगे। इस सवाल पर राजनीतिक जानकारों में अलग-अलग मत देखने को मिल रहे हैं।
अमित शाह की इस महत्वपूर्ण भूमिका के पीछे प्रमुख वजहें यह बताई जा रही हैं कि हरियाणा के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज और वरिष्ठ बीजेपी नेता राव इंद्रजीत सिंह जैसे नेताओं की मुख्यमंत्री पद की दावेदारी को संतुलित करना जरूरी था। इन नेताओं के समर्थकों ने अपनी-अपनी दावेदारी को लेकर सशक्त समर्थन दिया है, जिससे पार्टी के भीतर अनिश्चितता की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। ऐसे में अमित शाह का ऑब्जर्वर बनना इस मामले में महत्वपूर्ण माना जा रहा है, ताकि स्थिति को सुलझाया जा सके।
अनिल विज की जेपी नड्डा से मुलाकात ने बढ़ाई अटकलें
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल विज की दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात ने हरियाणा की राजनीति में एक नया मोड़ ला दिया है। विज की यह मुलाकात उस समय हुई जब विधायक दल की बैठक प्रस्तावित है, जिससे सियासी हलकों में नए कयास लगाए जा रहे हैं। उनकी इस मुलाकात को इस प्रक्रिया से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि यह उस वक्त हुई जब अमित शाह और मोहन यादव की जिम्मेदारी का ऐलान हुआ।
मोहन यादव को पहली बार सौंपी गई राज्य पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को पहली बार बीजेपी ने किसी राज्य का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। उनकी भूमिका हरियाणा के विधायक दल के नेता को चुनने में अहम मानी जा रही है। यह बैठक अमित शाह और मोहन यादव की अध्यक्षता में होगी, जिसमें मुख्यमंत्री पद का निर्णय लिया जाएगा।
नायब सिंह सैनी का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय
बीजेपी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री पद के लिए नायब सिंह सैनी के नाम पर पहले ही मुहर लगा दी थी। सैनी को मनोहर लाल खट्टर के इस्तीफे के बाद मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और पार्टी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव भी उनके नेतृत्व में लड़ा। अब, विधायक दल की बैठक में उनके नाम की औपचारिक घोषणा होना बाकी है। सैनी का मुख्यमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है, क्योंकि शीर्ष नेतृत्व का उन्हें पूरा समर्थन प्राप्त है।