झुंझुनू, 04 अगस्त: झुंझुनू के धनखड़ अस्पताल में हुई एक चिकित्सकीय लापरवाही का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। यहां डॉक्टर संजय धनखड़ द्वारा एक महिला मरीज की संक्रमित किडनी के बजाय स्वस्थ किडनी निकालने का मामला सामने आया था। इस घटना के बाद मरीज ईद बानो पिछले दो महीने से जयपुर के एसएमएस अस्पताल में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही थीं, लेकिन आज उन्होंने दम तोड़ दिया।
मामले की जांच में डॉक्टर को दोषी पाया गया था और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। अस्पताल का रजिस्ट्रेशन भी रद्द कर दिया गया था।
क्या था पूरा मामला?
15 मई को डॉक्टर संजय धनखड़ ने ईद बानो की सर्जरी की थी। सर्जरी के बाद मरीज को तेज दर्द और मवाद आने की शिकायत हुई। डॉक्टर ने उन्हें जयपुर रेफर कर दिया और एसएमएस अस्पताल में सर्जरी के बारे में कुछ न बताने को कहा।
जयपुर में जांच में पता चला कि डॉक्टर ने मरीज की स्वस्थ बाईं किडनी निकाल दी थी, जबकि संक्रमण दाईं किडनी में था। इस लापरवाही के कारण मरीज की हालत लगातार बिगड़ती गई और अंततः उनकी मौत हो गई।
जांच में क्या खुलासा हुआ?
जांच कमेटी ने पाया कि डॉक्टर संजय धनखड़ ने सर्जरी के दौरान कई नियमों का उल्लंघन किया था। उन्होंने बिना नेफ्रोलॉजिस्ट या यूरोलॉजिस्ट की सलाह के सर्जरी की थी। इसके अलावा, उन्होंने किडनी निकालने के बाद उसकी बायोप्सी भी नहीं करवाई थी।
कमेटी ने यह भी पाया कि डॉक्टर ने किडनी को संक्रमित कर दिया था और सर्जरी के बाद उसे उचित तरीके से नहीं रखा था।
क्यों हुई इतनी बड़ी लापरवाही?
यह सवाल अभी भी अनुत्तरित है कि आखिर एक डॉक्टर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे कर सकता है? जांच में सामने आए तथ्यों से साफ है कि डॉक्टर ने जानबूझकर यह गलती की है या फिर वह बेहद लापरवाह था।