आगरा, उत्तर प्रदेश: शनिवार की शाम रकाबगंज थाने की महिला इंस्पेक्टर के सरकारी आवास पर बड़ा हंगामा हो गया। मेरठ से आई एक महिला ने अपने घरवालों के साथ मिलकर अपने इंस्पेक्टर पति को रंगे हाथों पकड़ा और उसके बाद जो हुआ, वह पूरी घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।
घटना का विवरण
करीब शाम चार बजे, रकाबगंज थाने की प्रभारी निरीक्षक महिला थाने के पीछे स्थित अपने सरकारी आवास में थीं। इसी दौरान, कुछ लोग उनके आवास पर पहुंचे और दरवाजा पीटने लगे। दरवाजा खुलते ही वे अंदर घुस गए और महिला इंस्पेक्टर और एक अन्य इंस्पेक्टर को बाहर घसीट लिया। घटना के दौरान, इंस्पेक्टर का साला बनियान पकड़कर अपने बहनोई को बाहर खींच लाया और जमकर मारपीट की।
पुलिस की निष्क्रियता
सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने महिला इंस्पेक्टर की मदद करने की बजाय वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस घटना ने पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रकाबगंज थाने की महिला इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया और उनकी तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
#Watch : यूपी के आगरा में झूठ बोलकर घर से निकले इंस्पेक्टर को उसकी पत्नी और साले ने महिला इंस्पेक्टर के रूम पर पकड़ लिया। इसके बाद जबरदस्त हंगामा हुआ। पत्नी और साले ने इंस्पेक्टर की जमकर धुनाई की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।#UttarPradesh #agra pic.twitter.com/8TSPWECFG8
— Hindustan (@Live_Hindustan) August 3, 2024
पुलिस आयुक्त की कड़ी कार्रवाई
पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड ने घटना पर कड़ी कार्रवाई करते हुए कहा कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है। मूकदर्शक बने पुलिस कर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई तय की गई है। डीसीपी सिटी सूरज राय ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया और वीडियो बनाने वाले पुलिस कर्मियों को चिन्हित करने के निर्देश दिए।
गीता नागर का बयान
पीड़िता गीता नागर, जो मेरठ से आई थी, ने बताया कि उसके पति पवन नागर, जो कि इंस्पेक्टर हैं, महिला इंस्पेक्टर के आवास पर पकड़े गए। पवन नागर वर्तमान में विजिलेंस में तैनात हैं और मेडिकल अवकाश पर थे। गीता ने अपने भाई, भाभी और बेटे के साथ मिलकर यह कदम उठाया।
महिला इंस्पेक्टर की हालत
घटना के दौरान महिला इंस्पेक्टर के साथ जमकर मारपीट की गई, जिससे उनके हाथ की हड्डी टूट गई। उन्होंने एसीपी को अपनी स्थिति के बारे में बताया और उन्हें तुरंत मेडिकल के लिए भेजा गया।
अन्य विवाद
घटना के एक दिन पहले, महिला इंस्पेक्टर और थाने के एक मुंशी के बीच भी विवाद हुआ था। यह विवाद गाली-गलौज और मारपीट तक पहुंच गया था। पुलिस अधिकारियों को इस विवाद की जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद किसी को थाने से नहीं हटाया गया।