नई दिल्ली, 15 जुलाई 2024: गाजा में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 25 लाख डॉलर की आर्थिक मदद जारी की है। यह सहायता राशि साल 2024-25 में भारत की ओर से फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए पहली किस्त है। भारत इस साल यूएनआरडब्ल्यूए के जरिए फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए कुल 50 लाख डॉलर की मदद करेगा, जिसमें से 25 लाख डॉलर की यह पहली किस्त है।
भारत लंबे समय से फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करता आ रहा है। पिछले साल भी भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए 50 लाख डॉलर की मदद की थी।
संयुक्त राष्ट्र की कॉन्फ्रेंस में भारत का ऐलान
हाल ही में न्यूयॉर्क में आयोजित संयुक्त राष्ट्र की यूएनआरडब्ल्यूए की कॉन्फ्रेंस में भारत ने 2024-25 में भी 50 लाख डॉलर की मानवीय मदद देने का ऐलान किया था। वर्ष 2023-24 तक भारत ने फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद के लिए साढ़े तीन करोड़ डॉलर की मानवीय मदद की थी।
यूएनआरडब्ल्यूए की भूमिका
भारत की सहायता राशि सीधे फिलिस्तीन प्राधिकरण को न सौंपकर संयुक्त राष्ट्र की राहत और कार्य एजेंसी को सौंपी जाती है। यह एजेंसी 1950 से ही पंजीकृत फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए राहत और मदद के कार्य करती आ रही है। कई देशों की तरह भारत भी इस एजेंसी को मानवीय मदद के लिए आर्थिक सहायता भेजता है। पिछले साल भी भारत ने इस एजेंसी को 50 लाख डॉलर की मदद की थी, जिसमें से 25 लाख डॉलर की पहली किस्त नवंबर 2023 में और 25 लाख डॉलर की दूसरी किस्त दिसंबर 2023 में जारी की गई थी।
गाजा में एजेंसी का कामकाज
यूएनआरडब्ल्यूए लगातार फिलिस्तीनियों के लिए काम कर रही है। हालांकि, गाजा में इजरायल-हमास युद्ध के दौरान एजेंसी के लिए काम करना मुश्किल हो जाता है। इसके बावजूद संयुक्त राष्ट्र की यह एजेंसी युद्ध से प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचाने की पूरी कोशिश कर रही है। एजेंसी का कहना है कि इजरायल की नाकाबंदी की वजह से गाजा पट्टी में मानवीय सहायता से भरे ट्रकों का पहुंचना बहुत मुश्किल होता है। इस कारण गाजा में लोगों का जीवन और भी कठिन हो जाता है।