झुंझुनूं: पूर्व मंत्री और शिवसेना (शिंदे) के प्रदेश संयोजक राजेंद्र गुढ़ा ने सोमवार को घोषणा की कि वे असदुद्दीन ओवैसी को अपने मित्र मानते हैं और उनसे मुलाकात करते रहते हैं। झुंझुनूं विधानसभा सीट पर आगामी उपचुनाव को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि वे शिवसेना (शिंदे) के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे।
ईद-उल-अजहा की बधाई दी
सोमवार सुबह राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनूं शहर के ईदगाह में पहुंचकर ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद दी। उन्होंने नमाज से लौट रहे लोगों को गले लगाकर त्योहार की शुभकामनाएं दीं।
झुंझुनू में उपचुनाव की स्थिति
झुंझुनूं विधानसभा सीट, जो विधायक बृजेंद्र ओला के सांसद बनने के बाद खाली हो गई है, पर उपचुनाव होने वाला है। राजेंद्र गुढ़ा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में शिवसेना (शिंदे) के टिकट पर उदयपुरवाटी से चुनाव लड़ा था, लेकिन वे हार गए थे।
गुढ़ा का राजनीतिक सफर
राजेंद्र गुढ़ा ने 2018 में बसपा से चुनाव जीतकर कांग्रेस का समर्थन किया और सरकार में मंत्री बने। वे सचिन पायलट के गुट में शामिल हुए और गहलोत सरकार में राज्यमंत्री बने। लाल डायरी विवाद के बाद उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया और 2023 के चुनाव से पहले वे शिवसेना (शिंदे) में शामिल हो गए। लेकिन वहां से भी वे चुनाव नहीं जीत सके।
मुस्लिम वोटरों का समर्थन जरूरी
झुंझुनूं विधानसभा क्षेत्र के 23 प्रतिशत मुस्लिम वोटरों को ध्यान में रखते हुए गुढ़ा ने संकेत दिए कि वे असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी से उपचुनाव लड़ सकते हैं। उन्होंने 2 जुलाई 2023 को जयपुर में ओवैसी से मुलाकात की थी और अब झुंझुनूं में ईदगाह पहुंचकर अपनी नजदीकी का संकेत दिया।
विकास की जरूरतें बताई
राजेंद्र गुढ़ा ने झुंझुनूं के विकास पर जोर देते हुए कहा कि यह जिला विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। उन्होंने पानी की समस्या और पुलिस लाइन के पास पुलिया निर्माण की आवश्यकता पर भी बात की।
यह देखा जाना बाकी है कि राजेंद्र गुढ़ा इस बार निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे या ओवैसी की पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरेंगे। उनके इस निर्णय से आगामी उपचुनाव में बड़ी दिलचस्पी पैदा हो गई है।