सूरजगढ़ में न्यायालय सिविल न्यायाधीश के कार्यालय के लिए भूमि आवंटन के मुद्दे पर एसडीएम, तहसीलदार और अधिवक्ताओं के बीच विवाद एक बार फिर बढ़ता नजर आ रहा है। बार एसोसिएशन ने इस मुद्दे पर आज से सूरजगढ़ एसडीएम कोर्ट और तहसील कार्यालय में पूर्ण कार्य बहिष्कार की घोषणा कर दी है और गुरुवार से अनिश्चितकालीन धरना भी शुरू किया जायेगा।
सूरजगढ़ बार एसोसिएशन अध्यक्ष एडवोकेट सोमवीर सिंह खीचड़ ने बताया कि उपखण्ड अधिकारी और तहसीलदार सूरजगढ़ द्वारा सिविल न्यायाधीश के कार्यालय के लिए भूमि आवंटन में जान बूझ कर विलम्ब किया जा रहा है। बार एसोसिएशन अध्यक्ष ने बताया कि जिला कलेक्टर द्वारा इस प्रकरण पर मांगी गई रिपोर्ट में भी सूरजगढ़ के दोनों अधिकारियों ने तथ्यों को छुपाते हुए गलत रिपोर्ट प्रस्तुत की है। उद्देश्य सिर्फ यही है कि एसडीएम कोर्ट और तहसील के साथ सिविल न्यायालय ना बन पाए।
बार एसोसिएशन सूरजगढ़ में लम्बे समय से सिविल न्यायालय के लिए भू आवंटन और भवन निर्माण की मांग कर रहा है। नगरपालिका द्वारा इस हेतु भूमि का आवंटन कर भी दिया गया है, लेकिन तकनीकि कारणों से इस भूखण्ड का आवंटन अटक गया और रिकॉर्ड में दुरुस्ती के लिए यह मामला तहसीलदार के समक्ष ही लम्बित है। अभिभाषक संघ का आरोप है कि इस मामले के निस्तारण में भी तहसीलदार द्वारा जान बूझ कर विलम्ब किया जा रहा है।
बहरहाल बार एसोसिएशन ने आज बैठक कर सर्व सम्मति से निर्णय लिया कि जब तक सिविल न्यायालय के लिए चिन्हित भूमि का आवंटन नहीं होगा, तब तक सभी अधिवक्ता एसडीएम कोर्ट और तहसील से सम्बन्धित सभी कामों का पूर्ण रूप से बहिष्कार करेंगे। गुरुवार से अभिभाषक संघ इसी मुद्दे पर अनिश्चितकालीन धरना भी शुरू करेगा। अधिवक्ताओं का कहना था कि सरकार की मंशा होती है कि आम जनता को एक छत के नीचे न्याय मिले, अगर सूरजगढ़ में न्यायालय के लिए जमीन अन्यत्र आवंटित की जाती है तो लोगों को दर दर भटकना पड़ेगा। यह न केवल जनता के साथ धोखा होगा बल्कि न्याय के लिए सरकार की मूल अवधारणा के भी खिलाफ होगा।
क्या कहा उपखण्ड अधिकारी ने इस मुद्दे पर
उपखण्ड अधिकारी दयानन्द रूयल से इस मुद्दे पर बात करने पर उन्होंने कहा कि न्यायालय के लिए भूमि घरडू चौराहे पर आवंटित की गई है, जबकि वकील चाहते हैं कि एसडीएम कोर्ट और तहसील के पास ही भूमि आवंटित हो। वैसे भी यह भूमि के आवंटन से संबन्धित मामला है, जिस पर तहसीलदार ही कोई टिप्पणी करेंगे। अभिभाषक संघ जो बात कह रहा है उसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि आरोपों का क्या है, कोई भी कुछ भी आरोप लगा सकता है।