नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि भारत उपमहाद्वीप और हिंद महासागर क्षेत्र में दादागीरी नहीं कर रहा है, बल्कि जरूरतमंद देशों की मदद कर रहा है। उन्होंने यह बात मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के बयान के जवाब में कही, जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत का आकार उसे धमकाने का अधिकार नहीं देता है।
जयशंकर ने कहा, “अगर भारत दादागीरी कर रहा होता तो वह पड़ोसी देशों को 37,300 करोड़ रुपये की मदद नहीं देता। न ही वह कोरोना वैक्सीन देकर मदद करता।”उन्होंने कहा, “हम हमेशा जरूरत के समय दूसरे देशों की मदद करते हैं। भारत हमेशा संकट के समय दूसरे देशों की मदद के लिए खड़ा रहता है। हम जंग वाले देशों तक राहत सामग्री, दवाएं, फर्टिलाइजर्स पहुंचाते हैं। इसके लिए दुनिया हमारी तारीफ भी करती है।”
मालदीव के राष्ट्रपति का बयान
जनवरी 2024 में चीन के दौरे से लौटे मालदीव के राष्ट्रपति सोलिह ने भारत का नाम लिए बिना कहा था, “मालदीव एक छोटा और स्वतंत्र देश है। हमारे छोटे होने से आपको हमें धमकाने का लाइसेंस नहीं मिल जाता।”
जयशंकर का जवाब
जयशंकर ने कहा, “हम किसी को धमकाने का काम नहीं करते हैं। हम अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं।”उन्होंने कहा, “भारत एक बड़ा देश है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम अपनी ताकत का इस्तेमाल दूसरों को धमकाने के लिए करेंगे।”
जयशंकर की किताब
जयशंकर ने अपनी किताब ‘व्हाए भारत मैटर्स’ (भारत क्यों मायने रखता है) के प्रमोशन कार्यक्रम में यह बात कही। इस किताब में उन्होंने भारत की विदेश नीति और उसके वैश्विक महत्व पर चर्चा की है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
जयशंकर के बयान का अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने स्वागत किया है। कई देशों ने कहा है कि भारत एक जिम्मेदार देश है और वह क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।