Friday, June 20, 2025
Homeदेश76वां गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर भव्य समारोह, राष्ट्रपति ने किया ध्वजारोहण

76वां गणतंत्र दिवस: कर्तव्य पथ पर भव्य समारोह, राष्ट्रपति ने किया ध्वजारोहण

नई दिल्ली: पूरे देश में आज 76वां गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जा रहा है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कर्तव्य पथ पर आयोजित मुख्य समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने तिरंगा फहराया। राष्ट्रीय ध्वज को 21 तोपों की सलामी दी गई। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। परेड के माध्यम से भारत की सैन्य शक्ति और सांस्कृतिक विविधता का प्रदर्शन किया गया।

Advertisement's
Advertisement’s

गणतंत्र दिवस परेड का भव्य शुभारंभ

कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस परेड का आगाज सुबह 10:30 बजे हुआ। परेड में 14 मार्चिंग दस्तों और 31 झांकियों ने अपनी भव्यता से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस बार परेड का प्रमुख आकर्षण पहली हवाई संरचना ‘ध्वज संरचना’ रही, जिसमें 129 हेलीकॉप्टर यूनिट के Mi-17 1V हेलीकॉप्टरों ने राष्ट्रीय ध्वज के साथ सेना, नौसेना और वायुसेना के सेवा ध्वजों को लेकर पुष्पवर्षा की।

राष्ट्रपति ने की परेड की सलामी

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर आयोजित परेड की सलामी ली। इससे पहले उन्होंने तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान की धुन पर समस्त भारतवासी देशभक्ति से ओतप्रोत हो उठे। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर राष्ट्रीय समर स्मारक (नेशनल वॉर मेमोरियल) पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई

प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों को 76वें गणतंत्र दिवस की बधाई दी और कहा, “आज हम अपने गौरवशाली गणतंत्र की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यह राष्ट्रीय उत्सव हमारे संविधान के मूल्यों को संरक्षित करने और एक सशक्त भारत बनाने की दिशा में हमारे प्रयासों को और मजबूत करता है।”

विदेशी मेहमान: इंडोनेशिया के राष्ट्रपति मुख्य अतिथि

इस बार गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो रहे। इंडोनेशिया की 352 सदस्यीय मार्चिंग और बैंड टुकड़ी ने भी परेड में भाग लिया। यह संयोग की बात है कि 1950 में भारत के पहले गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि भी इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो थे।

देश की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन

इस वर्ष परेड में पहली बार स्वदेशी मिसाइल ‘प्रलय’ का प्रदर्शन किया गया। साथ ही, ब्रह्मोस, पिनाका और आकाश जैसी आधुनिक रक्षा प्रणालियां भी परेड में शामिल रहीं। थलसेना, नौसेना और वायुसेना की संयुक्त झांकी ने देश की रक्षा तैयारियों और आत्मनिर्भर भारत अभियान को उजागर किया।

Advertisement's
Advertisement’s

देशभर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था

दिल्ली को इस अवसर पर अभेद्य किले में तब्दील कर दिया गया था। पूरे शहर में 70 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए, जबकि कर्तव्य पथ पर 15 हजार जवानों को तैनात किया गया। परेड के दौरान सुरक्षा के लिए ड्रोन निगरानी और सिक्स-लेयर सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई।

संविधान के 75 वर्ष पूरे: विशेष महत्व

इस वर्ष गणतंत्र दिवस समारोह इसलिए भी विशेष रहा क्योंकि यह संविधान के लागू होने की 75वीं वर्षगांठ है। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारतीय संविधान को अंगीकृत किया था और 26 जनवरी 1950 को इसे आधिकारिक रूप से लागू किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर पूरे देश में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए गए।

सांस्कृतिक झलकियां और झांकियां

परेड में 16 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियां प्रदर्शित की गईं, जिनका विषय ‘स्वर्णिम भारत: विरासत और विकास’ था। साथ ही, 15 केंद्रीय मंत्रालयों और संगठनों की झांकियां भी प्रदर्शित की गईं। परेड की शुरुआत 300 सांस्कृतिक कलाकारों द्वारा ‘सारे जहां से अच्छा’ की धुन बजाकर की गई।

भारत की प्रगति का प्रतीक गणतंत्र दिवस

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस अवसर पर कहा, “गणतंत्र दिवस हमेशा देश के लिए गर्व का क्षण होता है। हमें अपनी उपलब्धियों पर गर्व करना चाहिए और आने वाले समय में और भी अधिक विकास करने का संकल्प लेना चाहिए।”

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!