चिड़ावा (झुंझुनूं)। झुंझुनूं जिला मुख्यालय पर स्थित सूचना केंद्र भवन को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) न्यायालय के लिए आवंटित किए जाने के प्रस्ताव का विरोध लगातार तेज हो रहा है। इसी कड़ी में चिड़ावा में भाजपा नेता सुरेश भूकर के नेतृत्व में विभिन्न संगठनों, अधिवक्ताओं, छात्र प्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर उपखंड अधिकारी नरेश सोनी को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नाम ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह भवन वर्षों से पत्रकारिता से जुड़ी गतिविधियों का केंद्र रहा है। यहां वाचनालय, पुस्तकालय, संवाद कक्ष जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो प्रेस की स्वतंत्रता और जन संवाद के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में भवन को किसी अन्य प्रयोजन, विशेषकर न्यायिक उपयोग के लिए आवंटित करना लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के साथ अन्याय है।
ज्ञापन सौंपने के दौरान वक्ताओं ने मांग की कि सूचना केंद्र भवन की मूल संरचना और उद्देश्य से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाए। उन्होंने सुझाव दिया कि एसीबी कोर्ट के लिए जिले में मौजूद अन्य सरकारी भवनों जैसे पुराने डाक बंगले या किसान सेवा केंद्र का विकल्प तलाशा जाए। साथ ही इस निर्णय में शामिल अधिकारियों की भूमिका की निष्पक्ष जांच की मांग की गई।
भाजपा नेता सुरेश भूकर ने कहा कि प्रेस की आजादी से समझौता करने का कोई भी प्रयास लोकतांत्रिक व्यवस्था को कमजोर करता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पत्रकारों के इस आंदोलन को उनका और उनकी पार्टी का पूरा समर्थन रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्व में दिए गए आश्वासनों के बावजूद सूचना केंद्र भवन को न्यायालय को सौंपने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जो निंदनीय है।
इस ज्ञापन सौंपने के दौरान चिड़ावा व झुंझुनूं क्षेत्र की टैक्सी यूनियन, डंपर यूनियन, छात्र संगठनों और सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में शामिल हुए। इस मौके पर अधिवक्ता विनोद डांगी, कपिल चाहर, अमित यादव, संदीप मान, लालचंद गोठवाल, गणपत, विजय गुरुवा सहित अनेक अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
युवा प्रवक्ता विकास पायल, पूर्व छात्र नेता कनक, सोनू झाझड़िया, अरिफ मलिक और जगप्रवेश डांगी सहित कई महिला प्रतिनिधियों ने भी इस विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की।
प्रदर्शन के बाद उपखंड अधिकारी नरेश सोनी ने ज्ञापन स्वीकार करते हुए उसे मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वासन दिया। वहीं प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द ही भवन को लेकर निर्णय वापस नहीं लिया गया तो आंदोलन को जिलेभर में विस्तार दिया जाएगा।