अमेरिका: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स से जुड़े हश मनी मामले में राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें सभी 34 मामलों में दोषी ठहराए जाने के बावजूद बिना शर्त रिहाई का आदेश दिया है। इसका अर्थ है कि ट्रंप को न तो जेल की सजा भुगतनी होगी, न किसी प्रकार का जुर्माना भरना पड़ेगा और न ही उन्हें परिवीक्षा का सामना करना होगा। यह पहली बार है जब किसी अमेरिकी राष्ट्रपति को दोषी करार दिए जाने के बावजूद राष्ट्रपति पद की शपथ लेने का अवसर मिलेगा।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई सुनवाई
ट्रंप इस सुनवाई में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। उन्होंने इसे एक राजनीतिक षड्यंत्र करार देते हुए कहा, “यह मेरे लिए एक भयावह अनुभव रहा। यह न्यूयॉर्क और वहां की अदालत प्रणाली के लिए एक झटका है।” ट्रंप ने आगे कहा कि इस मुकदमे का उद्देश्य उन्हें फिर से चुनाव जीतने से रोकना था, लेकिन जनता ने इसे समझा और उन्होंने चुनाव में लाखों वोटों से जीत दर्ज की। ट्रंप ने सभी सात स्विंग स्टेट्स में भी जीतने का दावा किया।
न्यायाधीश का फैसला
इससे पहले, इस मामले की सुनवाई कर रहे जज जुआन मर्चेन ने संकेत दिया था कि वह ट्रंप को जेल नहीं भेजेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा था कि बिना किसी सजा के मामले को बंद करना संभव नहीं होगा। अब 20 जनवरी को ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे।
मामला क्या है?
यह मामला 2006 में डोनाल्ड ट्रंप और पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स के कथित संबंधों से जुड़ा है। आरोप है कि 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान डेनियल्स को चुप रहने के लिए ट्रंप ने 1,30,000 डॉलर की राशि दी थी। यह रकम उनके वकील के माध्यम से दी गई थी, जिसका खुलासा बाद में हुआ। इस खुलासे के बाद ट्रंप के खिलाफ हश मनी भुगतान के मामले में कानूनी कार्रवाई शुरू हुई।
राजनीतिक प्रभाव
इस फैसले के बाद ट्रंप अमेरिका के पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति बन गए हैं जिन्हें किसी आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया है, लेकिन उन्हें सजा से राहत मिली है। ट्रंप की यह अनूठी स्थिति आगामी राष्ट्रपति कार्यकाल के लिए कानूनी और राजनीतिक चर्चा का विषय बन गई है। जज मर्चेन के पास उन्हें चार साल की सजा देने का अधिकार था, लेकिन उन्होंने निर्वाचित राष्ट्रपति को जेल से बचाया।