चिडावा: श्रीपीठ महालक्ष्मी धाम के वार्षिक मूर्ति स्थापना कार्यक्रम के दूसरे दिन शुक्रवार को धार्मिक आयोजन की श्रृंखला में सामूहिक संगीतमय सुंदरकांड पाठ वाचन का कार्यक्रम हुआ।
इस दौरान कथा वाचक और पीठ के अधिष्ठाता प्रभुशरण तिवाड़ी ने सुंदरकांड का वाचन करते हुए कहा कि ईश्वर की भक्ति के लिए हनुमान जैसी आस्था की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ईश्वर के प्रति भक्त की अच्छे और सच्चे मन से की गई भक्ति अवश्य फलीभूत होती है।
पंडित तिवाड़ी ने कहा कि सुंदरकांड रामचरित मानस का सबसे सुंदर अध्याय है, जिसमें एक भक्त की अपने प्रभु के प्रति श्रद्धा और भक्ति का विराट और भावात्मक स्वरूप देखने और पढ़ने को मिलता है।
उन्होंने कहा कि भाव के साथ इसका पाठ करने वाले पर हनुमान के साथ ही श्री राम जानकी की भी असीम कृपा होती है। उन्होंने कहा कि ईश्वर का कृपा पात्र बनने के लिए मन में अच्छी श्रद्धा का भाव अवश्य रखें।
आयोजन से पूर्व पंडित सियाराम शास्त्री ने यजमान अशोक हलवाई को सपत्नीक पूजन करवाया। पूजन के पश्चात संगीतमय सुंदरकांड पाठ हुआ जिसमें श्रद्धालु महिला पुरुषों ने भक्ति भाव के साथ हिस्सा लिया।
सुंदरकांड के बाद बालाजी की महाआरती व प्रसाद वितरण का कार्यक्रम हुआ।
इस दौरान महेंद्र रणवा, वैद्य जर्नादन शर्मा, सत्यनारायण चौधरी, पूर्व पार्षद शिवलाल सैनी, कैप्टेन शंकर लाल महारानियां, कांति प्रसाद हलवाई, विनोद चौरासिया, मनीष शर्मा, महेंद्र मास्टर, गिरधर गोपाल महमिया, राधेश्याम जांगिड जसरापुर, रत्तीराम राजोतिया, रजत जांगिड, तेज प्रकाश सोनी, राजीव व्यास, बंटी दायमा, सत्यनारायण शर्मा, प्रकाश शर्मा, महेन्द्र सैनी, मातुराम महर्षी , यादव प्रसाद शर्मा, जसवंत धाबाई, अनिल लांबीवाला सहित अन्य मौजूद रहे।
तीन दिवसीय आयोजन का समापन 6 जुलाई को महालक्ष्मी यज्ञ महाआरती व प्रसाद के कार्यक्रम के साथ होगा।