Wednesday, June 18, 2025
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सैन्य सम्मान के साथ झुंझुनूं के शहीद विनोद सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार: रोते हुए बेटी बोली- मुझे पापा पर गर्व है, उन्हें मैं हंसते-हंसते विदा करना चाहती हूं

पिलानी, झुंझुनूं: मणिपुर में शहीद हुए झुंझुनूं के जवान विनाेद सिंह शेखावत का अंतिम संस्कार आज उनके पैतृक गांव कायदा में सैन्य सम्मान के साथ किया गया। मंगलवार दोपहर करीब डेढ़ बजे शहीद के बेटे राज्यवर्धन ने मुखाग्नि दी। अंत्येष्टि स्थल पर रोते हुए शहीद की दोनों बेटियों ने कहा कि उन्हें अपने पापा पर गर्व है।

मंगलवार दोपहर करीब 12 बजे शहीद की पार्थिव देह पैतृक गांव (सूरजगढ़ के काजड़ा) पहुंची थी। शहीद की पत्नी (वीरांगना) सुमन कंवर, बड़ी बेटी नैंसी, छोटी बेटी खुशी सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल था। इससे पहले शहीद के घर पहुंचे जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुरेश कुमार जांगिड़ से लिपटकर नैंसी और खुशी फफक पड़ीं। खुशी ने एक ही रट लगा रखी थी- मुझे मेरे पापा वापस ला कर दो। उसे संभालना मुश्किल हो गया था। वीरांगना सुमन कंवर ने अंतिम दर्शन के दौरान शहीद की पार्थिव देह को पकड़ लिया बड़ी मुश्किल से परिजनों ने वीरांगना को संभाला।

काजड़ा में शहीद की अन्तिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। गांव के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के पास बनाए गए अंत्येष्टि स्थल पर सूरजगढ़ विधायक श्रवण कुमार, जिला कलेक्टर रामावतार मीणा, एसपी शरद चौधरी, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कर्नल सुरेश कुमार जांगिड़, पूर्व सांसद संतोष अहलावत, पूर्व विधायक जेपी चंदेलिया, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी, पूर्व प्रधान शेरसिंह नेहरा, पिलानी पालिकाध्यक्ष हीरालाल नायक सहित बड़ी संख्या में जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने शहीद विनोद सिंह शेखावत को श्रद्धांजलि अर्पित की। अंत्येष्टि स्थल पर सेना और पुलिस के जवानों ने शहीद हवलदार विनोद सिंह शेखावत को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। शहीद के तीनों बच्चों ने भी अपने पिता को सैल्यूट कर अन्तिम विदाई दी। छोटी बेटी खुशी ने पिता को सैल्यूट करने के बाद जब जय हिन्द के नारे लगाए तो वहां मौजूद हर शख्स की आंख नम हो गई। शहीद के बच्चों को तिरंगा और पिता की वर्दी सौंपी गई। बच्चों ने तिरंगे और वर्दी को माथे से लगाकर पिता को याद किया। बाद में शहीद विनोद सिंह शेखावत के बेटे राज्यवर्धन सिंह शेखावत ने मुखाग्नि दी और कुछ ही देर में शहीद की पार्थिव देह पंचतत्व में विलीन हो गई।

इससे पहले सड़क मार्ग से सुबह 11 बजे शहीद की पार्थिव देह को सेना के विशेष वाहन से सूरजगढ़ लाया गया, जहां सैंकड़ों युवा आगवानी के लिए मौजूद थे। यहां काजड़ा चुंगी पर जेसीबी मशीन से शहीद को पुष्प अर्पित किए गए। बाद में सूरजगढ़ से काजड़ा तक 7 किमी लम्बी तिरंगा यात्रा निकाली गई। डीजे पर बजते देशभक्ति के गीतों की धुनों पर बाइक और गाड़ीयों में सवार हजारों नौजवान भारत माता की जय के नारे लगाते हुए चल रहे थे।

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