सूरजगढ़, झुंझुनू: झुंझुनू जिले की सूरजगढ़ पुलिस ने अवैध हथियारों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में एक बड़ी सफलता हासिल की है। दिनांक 5 सितंबर 2025 को एक खुफिया सूचना के आधार पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ग्राम सेहीकलां से दो युवकों को धर दबोचा। इनके कब्जे से एक अवैध पिस्टल, मैगजीन और दो जिंदा कारतूस बरामद किए गए हैं। इस पुलिस की बड़ी कार्रवाई ने क्षेत्र में किसी संभावित अपराध को होने से पहले ही रोक दिया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में एक सीकर और दूसरा डीडवाना-कुचामन जिले का निवासी है, जिससे मामले में अंतर-जिला कनेक्शन की भी जांच की जा रही है।
मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने बिछाया जाल
पुलिस थाना सूरजगढ़ की टीम गश्त पर थी, तभी एक खास मुखबिर से सूचना मिली कि ग्राम सेहीकलां के जोहड़ में दो संदिग्ध युवक मौजूद हैं और उनके पास अवैध हथियार हो सकते हैं। सूचना की गंभीरता को देखते हुए, सहायक उपनिरीक्षक श्री ताराचंद के नेतृत्व में टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर घेराबंदी की। पुलिस की इस सतर्कता और मुखबिर की सूचना पर कार्रवाई ने आरोपियों को भागने का कोई मौका नहीं दिया।
जेब में पिस्टल और कारतूस, दोनों आरोपी गिरफ्तार
पुलिस टीम ने जोहड़ में मौजूद दोनों युवकों, नेमीचंद और विजेंद्र को पकड़कर उनकी तलाशी ली। तलाशी के दौरान नेमीचंद, जो डीडवाना-कुचामन जिले के टोडास का रहने वाला है, के लोवर की दाहिनी जेब से एक पिस्टल मय मैगजीन और 01 जिंदा कारतूस बरामद हुआ। दूसरे युवक विजेंद्र, जो सीकर जिले के रघुनाथगढ़ का निवासी है, की तलाशी लेने पर उसकी जेब से 01 जिंदा कारतूस मिला। जब पुलिस ने दोनों से हथियार और कारतूस रखने का लाइसेंस या परमिट मांगा, तो वे कोई भी वैध दस्तावेज पेश नहीं कर सके। इस पर पुलिस ने दोनों अपराधियों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
कहां से लाए हथियार? पुलिस कर रही गहन पूछताछ
पुलिस अब गिरफ्तार आरोपी नेमीचंद और विजेंद्र से इस बात की गहन पूछताछ कर रही है कि उन्होंने यह अवैध पिस्टल और कारतूस किससे और कहां से खरीदे थे। उनका मकसद क्या था और वे सूरजगढ़ में क्या करने आए थे? पुलिस इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने की कोशिश में जुटी है। यह कार्रवाई पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय (IPS) के निर्देशन तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र सिंह राजावत और वृताधिकारी विकास धींधवाल के मार्गदर्शन में की गई।
इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम का नेतृत्व सउनि. ताराचन्द ने किया। टीम में एचसी विरेन्द्र, कांस्टेबल राजकुमार और चालक परमेन्द्र कानि. शामिल थे। कांस्टेबल महिपाल और महेश कुमार का इस गिरफ्तारी में विशेष योगदान रहा।