सूरजगढ़, 3 जून 2025: विधानसभा क्षेत्र सूरजगढ़ में लंबे समय से चली आ रही जल समस्या के समाधान की दिशा में विधायक श्रवण कुमार के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि बजट में घोषित प्रस्तावों को मूर्त रूप देते हुए क्षेत्र के विभिन्न गांवों में 21 नए ट्यूबवेलों की स्वीकृति जारी की गई है। इन सभी ट्यूबवेलों के साथ विद्युत कनेक्शन भी स्वीकृत किया गया है, जिससे इनका सुचारू संचालन सुनिश्चित हो सके।

इन ट्यूबवेलों को सूरजगढ़ क्षेत्र के जिन स्थानों पर स्वीकृति दी गई है उनमें बावरीयों की मोहल्ला देलवास, धानको का मोहल्ला डागर, कुम्हारों का मोहल्ला गादली, स्वामी वाला मंदिर लाखू, टीबा वाली ढाणी ढाणा, सावलोद में हवासिंह के घर के पास, कुठाणिया की हरिजन बस्ती, किढवाना की हरिजन बस्ती, ढाँढोत में सूबेदार की ढाणी, भिर्र का धानको मोहल्ला, बास सागवा, सिवनी में रामचंद्र सरपंच के घर के पास, गोठ की माना की ढाणी, घरडाना खुर्द में बाढान रोड की ढाणी, बुहाना का वार्ड संख्या 01, पिलोद में कुम्हारों का मोहल्ला, भावठड़ी में थानाराम की ढाणी, किढवाना का पारस नगर, सातोर में भोलाराम मास्टर के घर के पास, रायपुर अहिरान में ढाणा जोहड़ के पास खानदवा और पांथरोली शामिल हैं।
नगर कांग्रेस कमेटी सिंघाना के अध्यक्ष डी पी सैनी ने बताया कि इन सभी ट्यूबवेलों पर लगभग 3 करोड़ 57 लाख रुपए की लागत आएगी। इस परियोजना के माध्यम से उन गांवों को प्राथमिकता दी गई है, जहां जल संकट सबसे अधिक है।
विधायक श्रवण कुमार ने हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की मूलभूत समस्याओं, विशेष रूप से पेयजल, बिजली और सड़क से जुड़े मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की थी। उन्होंने क्षेत्र के हित में शीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता पर बल दिया था। इसी क्रम में यह स्वीकृति क्षेत्रवासियों के लिए राहत लेकर आई है।

इसके अतिरिक्त विधायक श्रवण कुमार ने राज्य सरकार से कुंभाराम लिफ्ट परियोजना के लिए 1092 करोड़ 22 लाख रुपए की स्वीकृति भी दिलवाई है, जो अब कार्य आदेश के रूप में पारित हो चुकी है। यह परियोजना भी आने वाले वर्षों में सूरजगढ़ विधानसभा को जल समस्या से स्थायी राहत प्रदान करेगी।
विधायक के प्रयासों से मिली इस सौगात के लिए ग्रामीणों ने प्रसन्नता जाहिर की है और उनका आभार व्यक्त किया है। क्षेत्रवासियों का मानना है कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन से गर्मियों के दौरान पानी की किल्लत में काफी हद तक सुधार होगा।