सूडान के सेन्नार में गोलाबारी: दक्षिण-पूर्व सूडान के सेन्नार में रविवार को हुए गोलाबारी हमले में 21 नागरिकों की जान चली गई और 67 से अधिक लोग घायल हो गए। इस घटना के पीछे अर्धसैनिक बलों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। सूडान डॉक्टर्स नेटवर्क, जो अप्रैल 2023 में युद्ध की शुरुआत के बाद स्थापित की गई थी, ने भी इसी तरह की मौतों की पुष्टि की है, लेकिन उनका दावा है कि घायलों की संख्या 70 से अधिक हो सकती है।
अर्धसैनिक बलों पर आरोप
इस गोलाबारी के लिए सूडान के रैपिड सपोर्ट फोर्स (RSF) को दोषी ठहराया गया है, जो वर्तमान में देश के अस्थिर हालातों का प्रमुख कारण बन रहा है। आरएसएफ का नेतृत्व मोहम्मद हमदान डाग्लो कर रहे हैं, जो सूडानी सेना के वास्तविक शासक अब्देल फत्ताह अल-बुरहान के खिलाफ लड़ाई कर रहे हैं। सूडानी सरकार ने कई बार RSF पर नागरिकों और सरकारी संस्थानों को व्यवस्थित रूप से निशाना बनाने का आरोप लगाया है। इस ताजा घटना से देश में हिंसा और असुरक्षा का वातावरण और गहराता जा रहा है।
हालिया हमलों में वृद्धि
यह पहला मौका नहीं है जब आरएसएफ के लड़ाकों पर नागरिकों को निशाना बनाने का आरोप लगा है। अगस्त 2024 में भी सूडान के एक गांव पर अर्धसैनिक समूह ने हमला किया था, जिसमें महिलाओं और बच्चों समेत 85 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हमले के दौरान गांव के घरों को आग के हवाले कर दिया गया था और भारी तोड़फोड़ की गई थी। सूडान के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि इस हमले में 150 से अधिक ग्रामीण घायल हुए थे। आरएसएफ की ऐसी कार्रवाइयों से देश में अस्थिरता और मानवाधिकारों का उल्लंघन तेजी से बढ़ता जा रहा है।
सूडान में बिगड़ते हालात
अप्रैल 2023 में सूडान में युद्ध शुरू होने के बाद से आरएसएफ लगातार नागरिकों के खिलाफ अपराधों में संलिप्त है। उन पर नरसंहार, बलात्कार और गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों के आरोप लगते रहे हैं। सूडान में मौजूदा हालात बेहद चिंताजनक हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (IOM) के आंकड़ों के अनुसार, लड़ाई शुरू होने के बाद से अब तक 10.7 मिलियन से अधिक लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं। इनमें से दो मिलियन से अधिक लोग सूडान के पड़ोसी देशों में शरण लेने के लिए मजबूर हो चुके हैं।