जयपुर, 10 नवंबर 2024: आईआईटी-गुवाहाटी में आगामी 30 नवंबर से 3 दिसंबर 2024 तक आयोजित किए जाने वाले विज्ञान महोत्सव इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल 2024 का कर्टन रेज़र सीएसआईआर-सीरी के जयपुर परिसर में आयोजित किया गया। कर्टन रेज़र कार्यक्रम ने भारत के वैज्ञानिक समुदाय को 2047 तक देश को एक विकसित राष्ट्र के रूप में स्थापित करने के महत्वपूर्ण लक्ष्य की ओर प्रेरित किया। इस आयोजन में नवाचार, प्रौद्योगिकी और सामुदायिक भागीदारी पर विशेष जोर दिया गया। कार्यक्रम में अतिथियों और विशेषज्ञों ने इस बात पर चर्चा की कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी (S&T) किस प्रकार भारत के परिवर्तन में सहायक सिद्ध हो सकती हैं। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (NIA), जयपुर के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा और विशिष्ट अतिथि के रूप में विज्ञान भारती, राजस्थान के सचिव डॉ. मेघेन्द्र शर्मा उपस्थित थे, अध्यक्षता डॉ पीसी पंचारिया, निदेशक, सीएसआईआर-सीरी ने की।
IISF के समन्वयक, सीएसआईआर-एनआईआईएसटी, तिरुवनंतपुरम के निदेशक डॉ. सी आनंदरामकृष्णन ने CSIR की भारत में प्रभावी वैज्ञानिक कार्यक्रमों के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया। उन्होंने इस वर्ष की प्रेरक थीम, “भारत को विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संचालित वैश्विक निर्माण केंद्र में बदलना” पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह थीम स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के संबोधन से प्रेरित है।
इससे पूर्व सीएसआईआर-सीरी के निदेशक डॉ. पीसी पंचारिया ने स्वागत एवं अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि सीएसआईआर इस आयोजन के लिए तीसरी बार समन्वय एजेंसी की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि IISF न केवल वैज्ञानिक उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि यह आम जनता के लिए विकास के नए अवसरों को प्रस्तुत करने का एक मंच भी है। उन्होंने IISF को भारत में विज्ञान की एकता और गर्व का प्रतीक बताते हुए आईआईटी-गुवाहाटी में आयोजित होने वाले इस विज्ञान महोत्सव में व्यापक भागीदारी का आह्वान किया।
विशिष्ट अतिथि एवं विज्ञान भारती राजस्थान के सचिव डॉ. मेघेन्द्र शर्मा ने बताया कि IISF एक ऐसा मंच है जो परंपरा और नवाचार के बीच संतुलन बनाता है। उन्होंने कहा कि IISF 2024 के लिए अब तक 5000 से अधिक विद्यार्थियों एवं अन्य लोगों ने पंजीकरण करवा लिया है, जो प्रतिभागियों के उत्साह का प्रमाण है।
कार्यक्रम का समापन सीएसआईआर-सीरी जयपुर कैंपस के प्रभारी वैज्ञानिक साईं कृष्ण वड्डादि द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। संचालन वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विजय चटर्जी ने किया, और आयोजन का समन्वयन संस्थान के पीएमई प्रमुख प्रमोद तंवर ने किया। मीडिया से चर्चा करते हुए प्रमोद तँवर ने कहा कि उत्तर-पूर्वी भारत में पहली बार आयोजित होने वाला यह महोत्सव समावेशिता और वैज्ञानिक उत्कृष्टता का प्रतीक बनेगा, जिससे भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित परिवर्तनकारी विकास के प्रति प्रतिबद्धता को और मजबूती मिलेगी।
इस कार्यक्रम में प्रोफेसर एसके सिंह (कुलपति, आरटीयू- कोटा), प्रोफेसर जेपी शर्मा (पूर्व कुलपति, एमएलएस विश्वविद्यालय, उदयपुर), डॉ. जगदीश राणे (निदेशक, आईसीएआर-सीआईएएच बीकानेर), प्रोफेसर केएमएल पाठक (आईसीएआर के पूर्व उपमहानिदेशक और डीयूवीएएस विश्वविद्यालय, मथुरा के पूर्व कुलपति), डॉ. पी.के. राय (निदेशक, आईसीएआर-रैपसीड-मस्टर्ड रिसर्च निदेशालय, भरतपुर) सहित सीएसआईआर-सीरी के वैज्ञानिक व तकनीकी कर्मचारी शामिल थे। इसके अलावा हाइब्रिड मोड में आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों एवं कॉलेजों के विद्यार्थी व अन्य प्रबुद्धजन भी शामिल हुए।