नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सड़क हादसों में बढ़ती संख्या पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने लोकसभा में कहा कि जब उन्होंने पहली बार सड़क परिवहन मंत्री का पदभार संभाला था, तो उनका लक्ष्य सड़क दुर्घटनाओं में 50 प्रतिशत की कमी लाने का था। लेकिन आंकड़ों से पता चलता है कि दुर्घटनाएं घटने के बजाय बढ़ गई हैं।
हर साल 1.78 लाख लोगों की जान जाती है
गडकरी ने खुलासा किया कि भारत में हर साल सड़क दुर्घटनाओं के कारण 1.78 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से 60% पीड़ित 18 से 34 वर्ष की आयु वर्ग के होते हैं। यह आंकड़ा न केवल चिंताजनक है, बल्कि इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत को भी दर्शाता है।
उत्तर प्रदेश का सबसे खराब रिकॉर्ड
गडकरी ने बताया कि उत्तर प्रदेश सड़क हादसों में मौत के मामलों में सबसे आगे है। 2023 के आंकड़ों के अनुसार, यूपी में 23,000 से अधिक लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं की वजह से हुई। इसके बाद तमिलनाडु (18,000+ मौतें), महाराष्ट्र (15,000+ मौतें) और मध्य प्रदेश (13,000+ मौतें) का स्थान है।
शहरों में दिल्ली और बेंगलुरु शीर्ष पर
शहरों की बात करें तो दिल्ली में हर साल 1,400 से अधिक लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं, जबकि बेंगलुरु में यह आंकड़ा 915 है। केंद्रीय मंत्री ने ट्रक और भारी वाहनों के लेन अनुशासन का पालन न करने को दुर्घटनाओं का एक बड़ा कारण बताया।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में छिपाना पड़ता है चेहरा
नितिन गडकरी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में सड़क दुर्घटनाओं पर चर्चा के दौरान उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा, “जब मैं इन सम्मेलनों में भाग लेता हूं तो मुझे अपना चेहरा छिपाना पड़ता है।”
ड्राइविंग लाइसेंस नियम सख्त करने की जरूरत
गडकरी ने ड्राइविंग लाइसेंस नियमों को सख्त करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि सड़क हादसों के 30% मामलों में सही समय पर जीवन रक्षक उपचार न मिलने की वजह से पीड़ितों की जान चली जाती है। उन्होंने सांसदों से आग्रह किया कि वे अपने क्षेत्रों में परिवहन विभाग के साथ मिलकर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें।
सांसदों से अपील
सांसदों को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा कि वे सड़क हादसों को रोकने के लिए सक्रिय भूमिका निभाएं। स्कूलों और अन्य संस्थानों में यातायात सुरक्षा से संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन करके लोगों को जागरूक करें।