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शरद पवार के सहयोगी पर छापा: शरद पवार के करीबी के ठिकानों पर छापेमारी में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को अकूत संपत्ति बरामद हुई है. इसमें एक करोड़ नकदी, 25 करोड़ रुपये की कीमत का 39 किलो सोना जब्त किया है. ईडी ने एक दिन पहले बैंक फ्रॉड मामले में एनसीपी के पूर्व राज्यसभा सांसद ईश्वरलाल जैन के 13 ठिकानों पर तलाशी ली. ईश्वर लाल जैन एनसीपी के पूर्व कोषाध्यक्ष रहे हैं. उन्हें शरद पवार के करीबी लोगों में गिना जाता है.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने ईडी के अधिकारियों से हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तलाशी के दौरान जांच एजेंसी को 1 करोड़ रुपये की नकदी और 39 किलोग्राम सोना बरामद किया, जिसकी कीमत 25 करोड़ रुपये है.
ED को मिले अहम सबूत
ईडी ने जलगांव, नासिक और ठाणे में मौजूद जैन की संपत्तियों पर छापा मारा था. TOI की रिपोर्ट में ईडी के हवाले से बताया गया है कि एजेंसी को मोबाइल फोन से ऐसे दस्तावेज मिले हैं, जिसमें जैन के बेटे की रियलिटी फर्म में लक्जमबर्ग इकाई से 50 मिलियन यूरो के एफडीआई प्रस्ताव के संकेत मिले हैं.
साथ ही एजेंसी ने जलगांव में 2 बेनामी संपत्तियों के अलावा, राजमल लखीचंद समूह से संबंधित 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की 60 संपत्तियों के बारे में भी जानकारी जुटाई है. जैन की 3 ज्वैलरी फर्मों के खातों की जांच के दौरान ईडी को पता चला कि राजमल लखीचंद समूह से जुड़ी पार्टियों के माध्यम से फर्जी बिक्री-खरीद सौदों का जाल फैलाकर कर्ज बांटे गए और प्रमोटरों द्वारा अचल संपत्तियों में निवेश किया गया.
कौन हैं ईश्वरलाल जैन?
ईश्वरलाल जैन को शरद पवार के बेहद ही करीब लोगों में गिना जाता है. जब पिछले महीने जुलाई में अजित पवार के बगावत के बाद भी उन्होंने शरद पवार का साथ नहीं छोड़ा. हालांकि, उनके बेटे मनीष ने अजित पवार के साथ हो लिए थे. मनीष जैन महाराष्ट्र विधान परिषद के पूर्व सदस्य रहे हैं.
एनसीपी की शुरुआत से पवार के साथ
ईश्वरलाल जैन पुराने कांग्रेसी रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, वे 1978 से 1985 तक कांग्रेस से विधायक रहे. 1999 में जब शरद पवार ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी बनाई तो वो उनके साथ चले आए. शरद पवार ने उन्हें एनसीपी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष बनाया, जिस पर वे 2010 तक रहे.
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