झुंझुनूं, 23 अप्रैल 2025: विश्व पुस्तक दिवस के उपलक्ष्य में झुंझुनूं के जिला पुस्तकालय परिसर में एक आकर्षक पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न आयु वर्ग के पुस्तक प्रेमियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रदर्शनी में धार्मिक, साहित्यिक, शैक्षणिक और प्रतियोगी परीक्षाओं से जुड़ी नवीनतम और दुर्लभ पुस्तकों का समावेश किया गया था, जिसे देखकर आगंतुकों ने गहरी रुचि दिखाई।
प्रदर्शनी के दौरान वक्ताओं ने पुस्तकों की उपयोगिता और पठन-पाठन की आदतों के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि किताबें न केवल ज्ञान का भंडार होती हैं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण और समाज में सकारात्मक परिवर्तन का भी माध्यम बनती हैं।

इस अवसर पर अंतिका शर्मा, विष्टानंद शर्मा, द्वारिका प्रसाद सैनी, हिमांशु सिंह और योगेंद्र सिंह की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। उन्होंने विभिन्न पहलुओं पर विचार साझा करते हुए पठन संस्कृति को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रदर्शनी में रखी गई पुस्तकों में रामायण, महाभारत, वेदों और उपनिषदों जैसे धार्मिक ग्रंथों के साथ-साथ UPSC, RAS, REET, SSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकों को भी प्रदर्शित किया गया था। छात्र-छात्राओं और युवाओं ने इन पुस्तकों में गहरी रुचि दिखाई।
आज के डिजिटल युग में पुस्तकें अब भी सबसे विश्वसनीय ज्ञान स्रोत – हिमांशु सिंह
हिमांशु सिंह, जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि “आज के डिजिटल युग में पुस्तकें अब भी सबसे विश्वसनीय ज्ञान स्रोत हैं। इस तरह की प्रदर्शनी लोगों को पढ़ने की ओर प्रेरित करती है।”

योगेंद्र सिंह, जिला साक्षरता अधिकारी ने कहा, “विश्व पुस्तक दिवस पर आयोजित यह प्रदर्शनी लोगों को पुस्तकालयों से जोड़ने और अध्ययन के प्रति रुचि बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगी।”
कार्यक्रम के समापन पर आगंतुकों को पुस्तकालय में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी गई और नियमित रूप से पुस्तक पठन को जीवनशैली में शामिल करने का आग्रह किया गया।