आणंद, गुजरात: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुजरात दौरे के दौरान पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर आड़े हाथों लिया। आणंद जिले के चारोतार विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “अब पाकिस्तान पर बहुमूल्य समय बर्बाद करने की आवश्यकता नहीं है।” उन्होंने पाकिस्तान को दोहरे खेल में लिप्त बताते हुए कहा कि आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी नीति अब उसी पर भारी पड़ रही है।

मुंबई हमलों का हवाला, भावनात्मक मोड़ की चर्चा
जयशंकर ने अपने संबोधन में 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह घटना भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में एक बड़ा मोड़ साबित हुई। उन्होंने कहा, “मुंबई हमले के बाद भारतीयों ने सामूहिक रूप से महसूस किया कि पाकिस्तान का ऐसा व्यवहार अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।” उन्होंने जोर देते हुए कहा कि यह हमला सिर्फ एक सुरक्षा संकट नहीं था, बल्कि भावनात्मक और राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा मसला था।
‘भारत बदल गया है, पर पाकिस्तान नहीं’
विदेश मंत्री ने वर्तमान और पूर्ववर्ती सरकारों की तुलना करते हुए कहा कि 2014 के बाद से भारत ने आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। उन्होंने कहा, “काश मैं कह पाता कि पाकिस्तान भी बदल गया है, लेकिन दुर्भाग्यवश उसने अपनी बुरी आदतों को नहीं छोड़ा।” जयशंकर ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि आतंकवादी हरकतों का माकूल जवाब दिया जाएगा।
अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर सवाल
अपने भाषण में जयशंकर ने अफगानिस्तान में पाकिस्तान की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तालिबान और अमेरिका, दोनों पक्षों के साथ दोहरा खेल खेला। लेकिन जब अमेरिका और नाटो सेनाएं अफगानिस्तान से हट गईं, तब पाकिस्तान का यह दोहरा खेल सामने आ गया और अब उसका खुद का नुकसान हो रहा है।

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भारत को मिली बड़ी सफलता: तहव्वुर राणा भारत लाया जाएगा
जयशंकर का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत को 2008 मुंबई हमलों के गुनाहगार तहव्वुर राणा को अमेरिका से प्रत्यर्पण में सफलता मिली है। यह भारत की आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर चल रही कूटनीतिक मुहिम की बड़ी जीत मानी जा रही है।