उदयपुरवाटी, 7 जून 2025: निर्जला एकादशी के शुभ अवसर पर शुक्रवार को हवामहल से विधायक और हाथोज पीठ के पीठाधीश्वर बालमुकुंद आचार्य लोहार्गल पहुंचे। यहां उन्होंने प्राचीन सूर्य मंदिर में दर्शन-पूजन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान उनके साथ डीडवाना और इंदौर क्षत्रिय बाग वेंकटेश मठ के पीठाधीश्वर विष्णु प्रपंचारी भी मौजूद रहे। दोनों संतों का लोहार्गल में पारंपरिक स्वागत किया गया।

सूर्य मठ लोहार्गल के पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य अवधेशाचार्य ने बालमुकुंद आचार्य को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया। दर्शन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कहा कि लोहार्गल क्षेत्र के धार्मिक और पर्यटन विकास के लिए सरकार ने बजट का प्रावधान किया है, और उसका एक भाग शीघ्र ही व्यय किया जाएगा। उन्होंने जानकारी दी कि लोहार्गल में रोपवे परियोजना को मंजूरी मिल चुकी है और यदि सब अनुकूल रहा तो इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के हाथों कराया जाएगा।
बालमुकुंद आचार्य ने लोहार्गल को अपना बाल्यकालीन क्षेत्र बताते हुए कहा कि उन्होंने यहीं से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की थी और संस्कृत कॉलेज से उच्च अध्ययन भी यहीं किया। उन्होंने सूर्य मंदिर में प्रदेश की खुशहाली और लोक कल्याण की प्रार्थना की।
इस अवसर पर उपस्थित स्वामी विष्णु प्रपंचारी ने लोहार्गल की धार्मिक गरिमा को अद्वितीय बताते हुए कहा कि यह धाम देशभर के श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। उन्होंने कहा कि सूर्य उपासना का यह स्थल आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत है और इसकी पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जानी जानी चाहिए।

महेश कुमार शर्मा “आज़ाद” द्वारा लिखित पुस्तक राजस्थान के प्रसिद्ध मंदिर में उल्लेख किया गया है कि लोहार्गल स्थित सूर्य मंदिर विश्व का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां भगवान सूर्य अपनी पत्नी छाया के साथ विराजमान हैं। यहां का सूर्यकुंड, सूर्य मंदिर और संपूर्ण तीर्थ क्षेत्र प्राचीन आस्था का परिचायक है।
निर्जला एकादशी पर हजारों श्रद्धालुओं ने पावन सूर्यकुंड में स्नान कर मंदिर में पूजा-अर्चना की। प्रशासनिक स्तर पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई थीं। आस्था और संस्कृति का यह संगम लोहार्गल में एक बार फिर भक्ति और भावनाओं से परिपूर्ण दृश्य लेकर आया।