कुर्स्क (रूस), 29 अगस्त 2024: रूस और यूक्रेन के बीच दो साल से जारी युद्ध में एक नया मोड़ आ गया है, जहां रूस को अब तक के सबसे बड़े संकट का सामना करना पड़ रहा है। पहली बार, यूक्रेन की फौज ने रूस के कुर्स्क इलाके में घुसपैठ की है, जिससे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दुनिया के सामने शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है। इस स्थिति ने रूस की सैन्य क्षमताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि उसके पास अब पर्याप्त सैनिक नहीं बचे हैं जो यूक्रेन की हर मोड़ पर प्रभावी ढंग से मुकाबला कर सकें।
कुर्स्क में यूक्रेनी फौज की घुसपैठ
अगस्त महीने की शुरुआत में, यूक्रेनी सैनिक कुर्स्क इलाके में घुसे और अब तक रूस की सेना उन्हें पीछे धकेलने में नाकाम रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यूक्रेन ने इस इलाके में लगभग 30,000 सैनिकों को अग्रिम पंक्ति में खड़ा कर दिया है, जिससे यह साफ संकेत मिलता है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की का यह नया मोर्चा कामयाब होता नजर आ रहा है।
यूक्रेनी फौज ने 6 अगस्त को पहली बार रूस की सीमा में प्रवेश किया और कुर्स्क इलाके के 1,294 वर्ग किमी एरिया पर कब्जा कर लिया। तीन सप्ताह के भीतर, यूक्रेनी सैनिकों ने कई बस्तियों पर भी कब्जा कर लिया है और बेलगोरोड क्षेत्र में सीमा चौकियों पर हमला किया है।
बेलारूस की मदद ले रहे पुतिन
पुतिन को इस चुनौती से निपटने के लिए अपने तानाशाही मित्र बेलारूस से मदद लेनी पड़ रही है। ‘द सन’ की रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन ने बेलारूस से अतिरिक्त फौज मंगाई है, क्योंकि ‘B’ चिन्ह वाले बेलारूसी टैंक यूक्रेन की सीमा पर दिखाई दे रहे हैं। ऐसा पहली बार है जब रूस को अपने मित्र देशों से इस प्रकार की सहायता लेनी पड़ी है।
जानकारों का मानना है कि पुतिन ने यूक्रेन के हमलों का सामना करने के लिए नई रणनीति अपनाई है। यूक्रेन की सीमा पर भारी टैंक और बख्तरबंद गाड़ियों की कतारें देखी गई हैं, जिन्हें सीमा पर इकट्ठा किया जा रहा है। माना जा रहा है कि पुतिन इन नई ताकतों का प्रयोग करके यूक्रेनी फौज को पीछे हटाने का प्रयास कर रहे हैं।
यूक्रेन ने बेलारूस को दी चेतावनी
यूक्रेन ने बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को सख्त चेतावनी दी है कि यदि बेलारूस ने अपने सैनिक भेजे, तो यूक्रेन उनके सैन्य अड्डों और सप्लाई मार्गों को निशाना बनाएगा। यूक्रेन के कमांडर इन चीफ ओलेक्सेंडर सिरस्की ने इसी सप्ताह बताया कि कुर्स्क इलाके में यूक्रेनी सैनिकों की संख्या लगातार बढ़ रही है, और दुश्मन को हर दिन भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। सिरस्की के अनुसार, यूक्रेनी हमलों में प्रतिदिन 300 से अधिक रूसी सैनिक मारे जा रहे हैं, जिससे रूस की स्थिति और भी कमजोर होती जा रही है।