रूस/यूक्रेन: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में एक नई आक्रामकता देखने को मिली है। आज (21 नवंबर) की सुबह रूस ने यूक्रेन पर इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) से हमला किया। यूक्रेन की वायुसेना ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह रूस द्वारा युद्ध में पहली बार आईसीबीएम का उपयोग है।
RS-26 Rubezh मिसाइल का इस्तेमाल
जानकारी के अनुसार, यह हमला सुबह 5 बजे से 7 बजे के बीच किया गया। आशंका है कि रूस ने इस हमले के लिए RS-26 Rubezh मिसाइल का उपयोग किया है। इस मिसाइल की रेंज 5,800 किमी है और यह अपनी सटीकता व घातकता के लिए जानी जाती है।
इसके साथ ही रूस ने किंझल हाइपरसोनिक मिसाइल और KH-101 क्रूज मिसाइलों से भी हमला किया।
यूक्रेन की इंटेलिजेंस का पहले से था अलर्ट
इससे पहले, 20 नवंबर को यूक्रेनी खुफिया एजेंसी ने चेतावनी दी थी कि रूस ICBM RS-26 Rubezh को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है।
हाल ही में रूस ने दावा किया था कि उसके हवाई रक्षा तंत्र ने दो ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइलों को सफलतापूर्वक मार गिराया है।
निप्रो शहर को बनाया निशाना
रूस ने इस बार यूक्रेन के निप्रो (Dnipro) शहर को निशाना बनाया। यूक्रेन की वायुसेना ने बताया कि यह मिसाइल रूस के अस्त्रखान क्षेत्र से लॉन्च की गई।
सोशल मीडिया पर हमले के कई वीडियो शेयर किए जा रहे हैं, जिनमें धमाकों और तबाही के दृश्य देखे जा सकते हैं।
Russia most likely fired a RS-26 „Rubezh“ ICBM against the Ukrainian city of Dnipro at 5am local time. The launch site was presumably Astrakhan. The warheads were non-nuclear. The accuracy of this missile is 90m-250m CEP and for conventional strikes absolutely inaccurate, though… pic.twitter.com/MrsxwoDrhO
— (((Tendar))) (@Tendar) November 21, 2024
अमेरिका निर्मित लंबी दूरी की मिसाइलों के इस्तेमाल पर बाइडन की सहमति
गौरतलब है कि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन को अमेरिका निर्मित लंबी दूरी की मिसाइलों के उपयोग की अनुमति दी थी। इसके बाद यूक्रेन ने रूस के खिलाफ इन मिसाइलों का इस्तेमाल किया था।
विशेषज्ञों का मानना है कि रूस का यह हमला यूक्रेन के हालिया हमलों का जवाब है।
कितना खतरनाक है ICBM?
इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल रणनीतिक हथियार हैं, जो परमाणु हथियारों को दूरस्थ स्थानों तक पहुंचाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। ये मिसाइलें रूस के परमाणु रक्षा तंत्र का अहम हिस्सा हैं।
फरवरी 2022 में शुरू हुए रूस-यूक्रेन युद्ध के अब 1,000 दिन पूरे हो चुके हैं, और यह संघर्ष अब भी थमने का नाम नहीं ले रहा है।