मुंबई: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने हाल ही में ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो के विवादास्पद एपिसोड में यूट्यूबर्स रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना, अपूर्वा मखीजा, जसप्रीत सिंह और आशीष चंचलानी को तलब किया है। इसके अलावा, शो के निर्माता तुषार पुजारी और सौरभ बोथरा को भी गंभीर टिप्पणी करने पर नोटिस भेजा गया है।
एनसीडब्ल्यू ने इन यूट्यूबर्स द्वारा की गई अपमानजनक और नस्लवादी टिप्पणियों को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है और यह दावा किया है कि इन टिप्पणियों ने सार्वजनिक आक्रोश को जन्म दिया है। आयोग का कहना है कि ऐसे समाज में, जो समानता और सम्मान को बढ़ावा देता है, इस प्रकार की टिप्पणियां न केवल लोगों की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि सामाजिक सौहार्द को भी नुकसान पहुँचाती हैं। आयोग ने इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है।
17 फरवरी को सुनवाई, माफी मांगने के बावजूद मामला बढ़ा
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष विजया रहाटकर के निर्देशों के तहत आयोग ने यह कदम उठाया है। शो में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के कारण एनसीडब्ल्यू ने संबंधित यूट्यूबर्स और निर्माताओं को 17 फरवरी को आयोग में पेश होने का आदेश दिया है। हालांकि, रणवीर इलाहाबादिया ने अपनी विवादास्पद टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है, लेकिन इसके बावजूद कई लोग उनके पॉडकास्ट पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।

एनएचआरसी और पुलिस कार्रवाई
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य प्रियांक कानूनगो ने भी इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हुए यूट्यूब की पब्लिक पॉलिसी प्रमुख मीरा चट को पत्र लिखा। उन्होंने इस पत्र में ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो से संबंधित वीडियो को हटाने की अपील की, जिसमें रणवीर इलाहाबादिया ने विवादास्पद टिप्पणी की थी। उनका कहना था कि यह वीडियो समाज में नफरत और असहमति को बढ़ावा दे रहे हैं।
इसके अलावा, मुंबई पुलिस ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया, कॉमेडियन समय रैना और शो के आयोजकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इसी तरह, असम पुलिस ने भी ‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो में की गई अश्लील टिप्पणी को लेकर एफआईआर दर्ज की है।
समाज में बढ़ रही असहमति और आक्रोश
‘इंडियाज गॉट लैटेंट’ शो को लेकर बढ़ते विवाद ने सोशल मीडिया पर व्यापक प्रतिक्रियाओं को जन्म दिया है। यूट्यूबर्स के समर्थक और विरोधी दोनों ही अपनी-अपनी राय रख रहे हैं, लेकिन सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि शो की टिप्पणियां भारतीय समाज में समानता और सम्मान के मौलिक मूल्यों का उल्लंघन कर रही हैं। इससे जुड़े वीडियो और क्लिप्स इंटरनेट पर वायरल हो गए हैं और एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।