Friday, August 22, 2025
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राष्ट्रप्रेम की अलख लगा रही श्री विवेकानंद मित्र परिषद: प्रतिदिन दो समय राष्ट्रगान और ध्वजारोहण व ध्वज अवतरण की परंपरा को 2100 दिन हुए पूरे

चिड़ावा, 25 अक्टूबर 2024: हर की हृदय स्थली विवेकानंद चौक में 26 जनवरी 2019 से जारी राष्ट्रगान, ध्वजारोहण और अवतरण की परम्परा को शुक्रवार को 2100 दिन पूरे हो गए। इस अवसर पर परिषद की ओर से आयोजित समारोह में परिषद संरक्षक रोहिताश्व महला ने ध्वजारोहण किया। महला ने इस दौरान कहा कि कोई भी परम्परा बिना लोगों के सहयोग के सफल नहीं हो सकती। इसके लिए चिड़ावा की जनता और खासकर विवेकानंद चौक के दुकानदार और यहां से गुजरने वाले वे दुकानदार धन्यवाद के पात्र हैं जो दो समय राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े होते है और किसी भी तरह से परिषद की इस राष्ट्रवादी मुहिम से जुड़े हुए हैं, वे सभी भी धन्यवाद के पात्र हैं। उन्होंने सभी को निस्वार्थ भाव से परम्परा से जुड़े रहने का आह्वान किया।

ठहर जाते हैं लोग

अगर आप चिड़ावा शहर में जा रहे हैं और विवेकानंद चौक या उसके समीप हैं तो कुछ खास ध्यान रखने की जरूरत है। जी हां, शहर की हृदयस्थली के रूप में ख्यात विवेकानंद चौक एक ऐसी राष्ट्रवादी परंपरा का निर्वहन कर रहा है, जिससे आपका सीना भी गर्व से चौड़ा हो जाएगा। सुबह ठीक साढ़े आठ और शाम सवा पांच बजते ही राष्ट्रगान शुरू हो जाता है। जिन लोगों को इसकी जानकारी है, वे ज्यादातर लोग जहां होते हैं वहीं सावधान की मुद्रा में खड़े हो जाते हैं।

प्रतिदिन निभाई जा रही परंपरा

विवेकानंद चौक में प्रतिदिन परिषद सदस्य राष्ट्रीय ध्वज लगाते हैं। प्रतिदिन ठीक सुबह साढ़े आठ बजे ध्वजारोहण किया जाता है और शाम को सर्दी में सवा पांच बजे और गर्मी में सवा छह बजे ध्वज अवतरण कार्यक्रम बिगुल वादन के बाद मध्य होता हैं। दोनों ही समय राष्ट्रगान भी होता है। इस परंपरा को 26 जनवरी 2024 को पांच साल होने जा रहे हैं।

देश का एकमात्र शहर जो ये परंपरा निभा रहा

खास और विशेष बात ये है कि दो समय राष्ट्रगान की और प्रतिदिन ध्वजारोहण और ध्वज अवतरण की ऐसी परंपरा को निभाने वाला चिड़ावा संभवत देश का एकमात्र शहर है। इस परंपरा ने चिड़ावा का नाम देश के गौरवान्वित महसूस करवाने वाले शहरों की सूची में ला दिया है। इस परम्परा को हाल ही में एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल करने की घोषणा भी की गई है।

राष्ट्रप्रेम की अलख लगा रही श्री विवेकानंद मित्र परिषद : प्रतिदिन दो समय राष्ट्रगान और ध्वजारोहण व ध्वज अवतरण की परंपरा को 2100 दिन हुए पूरे

25 फुट से 101फुट तक तिरंगा

शहर में परिषद की ओर से जहां 25 फुट ऊंचे ध्वज दंड पर ध्वज फहराया जा रहा है। तो वहीं वर्ष 2022 में नगरपालिका की ओर से 101 फुट ऊंचाई का ध्वज दंड लगाकर इस पर तिरंगा फहराया। हालांकि ऊंचाई अधिक होने पर ध्वज को नुकसान पहुंचाने की आशंका के चलते राष्ट्रीय पर्व के मौके पर ही 101 फुट पर ध्वज लगाया जाता है। लेकिन 25 फुट पर ध्वजारोहण और ध्वज अवतरण की परंपरा 26 जनवरी 2019 से लगातार जारी है।

इस तरह हुई परंपरा की शुरुआत

शहर की कॉलेज रोड स्थित पोद्दार पार्क स्थित सनातन आश्रम में साहित्यकार डॉक्टर ओमप्रकाश पचरंगिया स्मृति संस्थान की बैठक हुई। इसी बैठक में 26 जनवरी 2019 को तिरंगा फहराने का प्रस्ताव आया। जिसके बाद विवेकानंद चौक में दुकानदारों से बात की गई। सभी ने अपनी सहमति दी। जिसके बाद ध्वजारोहण के लिए तत्कालीन सीआई संदीप शर्मा को निमंत्रण देने जब परिषद के सदस्य गए तो शर्मा ने एक दिन की बजाय हमेशा ध्वज फहराने और राष्ट्रगान करने का आह्वान किया। जिस पर सभी सहमत हो गए। इसके बाद 25 फुट के ध्वज दंड पर गणतंत्र दिवस के दिन तत्कालीन सीआई संदीप शर्मा और पूर्व पालिकाध्यक्ष सुभाष शर्मा ने ध्वजारोहण कर परंपरा की शुरुआत की। उस दिन से लेकर अब तक परंपरा लगातार चलती जा रही है।

अन्य सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में संलग्न

श्री विवेकानंद मित्र परिषद विवेकानंद जयंती वर्ष 1994 से लगातार मनाती आ रही है। लेकिन राष्ट्रवादी परंपरा की शुरुआत के बाद हर वर्ष 14 अगस्त को एक शाम शहीदों के नाम कार्यक्रम और स्वामी विवेकानंद जयंती पर एक शाम स्वामी विवेकानंद के नाम कार्यक्रम का आयोजन भी परिषद की ओर से किया जाता है। जिसमें शहर की विभिन्न स्कूलों और शहर के बच्चों की ओर से मनमोहक धार्मिक, सामाजिक, देशभक्ति और शिक्षाप्रद कार्यक्रमों की प्रस्तुति भी दी जाती है। इसके अलावा कोरोना काल में 65 दिन तक नर सेवा नारायण सेवा प्रकल्प के तहत निशुल्क भोजन प्रसाद के रूप में जरूरतमंदों को परोसा गया। वहीं वेक्सिनेशन शिविर के साथ ही महिलाओं के लिए परिषद की महिला विंग की ओर से निशुल्क सिलाई प्रशिक्षण शिविर भी दो वर्ष से लगाया जा रहा है। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने प्रशिक्षण लेकर स्वरोजगार की तरफ कदम बढ़ाए और आत्मनिर्भर भारत बनाने में योगदान दे रही हैं। इसके अलावा दिवाली, राम मंदिर मूर्ति स्थापना उत्सव, दीपावली महोत्सव सहित अन्य भव्य आयोजन परिषद के संयोजन में हुए। वहीं परिषद काफी सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों में भी जुड़ी रहती है। रक्तदान और स्वच्छ भारत अभियान में भी परिषद सदस्य विशेष योगदान दे रहे हैं। मेलों और अन्य धार्मिक आयोजनों में भी परिषद सदस्य अपनी सेवा दे रहे हैं।

राष्ट्रप्रेम की अलख लगा रही श्री विवेकानंद मित्र परिषद : प्रतिदिन दो समय राष्ट्रगान और ध्वजारोहण व ध्वज अवतरण की परंपरा को 2100 दिन हुए पूरे

परिषद की अग्रणी टीम

वैसे तो तिरंगे के नीचे आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को परिषद अपना सदस्य मानती है। लेकिन फिर भी गतिविधि संचालन के कार्य में परिषद संरक्षक रोहिताश्व महला, मनोज मान, संजय दाधीच, हबीब खान, सत्यनारायण चौधरी, रविकांत कौशिक, महेश शर्मा धन्ना, डॉ. चंद्रमौलि पचरंगिया, महेंद्र जोशी, संदीप फतेहपुरिया, सुरेश डालमिया, रमेश कोतवाल, मनोज जसरपुरिया, राजेंद्र शर्मा राजू, उमाकांत डालमिया, मनोहर जांगिड़, श्यामसुख शर्मा, रवि भारतीय, महेंद्र भारतीय, सुशील बागड़ी, मोतीलाल शर्मा, राजू मराठा, मकरंद रमेश मराठा, अरुण भीमराजका, मयंक सुनील मंड्रेलिया, बनवारी सैनी सहित विवेकानंद चौक और आसपास के दुकानदारों का विशेष सहयोग मिल रहा है।

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