नई दिल्ली: पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है। इस हमले के जवाब में भारत द्वारा पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को श्रीनगर पहुंचे। यहां उन्होंने उच्चस्तरीय सुरक्षा समीक्षा बैठक करते हुए सेना और सुरक्षाबलों की भूमिका की सराहना की तथा पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी भी दी।
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों और ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बलिदान देने वाले जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने घायल सैनिकों के साहस को सलाम करते हुए उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की।

उन्होंने कहा कि वह उस ऊर्जा को महसूस करने आए हैं, जिसने सीमापार दुश्मन के बंकरों को नष्ट कर दिया। सिंह ने कहा कि हमारे सैनिकों ने संयम और साहस के साथ जिस प्रकार पाकिस्तान की चौकियों को ध्वस्त किया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा, “आमतौर पर लोग जोश में होश खो बैठते हैं, लेकिन आपने जोश और होश दोनों को साथ रखा और सूझबूझ से कार्रवाई की।”
इस दौरान, हाल ही में सेना और कर्नल सोफिया को लेकर की गई विवादास्पद टिप्पणी को लेकर शाह द्वारा की गई माफी का भी उल्लेख किया गया। शाह ने बुधवार को क्षमा मांगते हुए कहा था कि उन्होंने कभी सेना या सोफिया का अपमान करने का इरादा नहीं रखा और यदि किसी को उनकी बातों से ठेस पहुंची हो तो वह दस बार माफी मांगने को तैयार हैं। उन्होंने कर्नल सोफिया को ‘देश की बहन’ बताते हुए कहा कि उन्होंने जाति-समाज से ऊपर उठकर राष्ट्रधर्म निभाया है।
राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि आज वह देश ऐसी हालत में पहुंच चुका है कि “पाकिस्तान जहां खड़ा होता है, वहीं से मांगने वालों की लाइन शुरू हो जाती है।” उन्होंने कहा कि एक ओर पाकिस्तान IMF से लगातार कर्ज मांग रहा है, जबकि भारत उन देशों में शामिल है जो IMF को आर्थिक सहायता देता है।
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कई बार भारत को परमाणु धमकियां दी हैं, लेकिन भारत ने कभी उसके ब्लैकमेल से डर नहीं दिखाया। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हुए कहा कि पाकिस्तान के परमाणु हथियारों को IAEA की निगरानी में लिया जाना चाहिए क्योंकि वे एक गैर-जिम्मेदार देश के हाथों में हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के प्रति भारत की नीति को स्पष्ट किया है – भारत की जमीन पर हुआ कोई भी आतंकी हमला सीधे युद्ध की श्रेणी में आएगा। राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि अब अगर सरहद पार से कोई हरकत होती है तो उसका जवाब गूंजता हुआ मिलेगा। बातचीत तभी होगी जब मुद्दा आतंकवाद और पीओके होगा।

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की आतंकवाद के खिलाफ अडिग नीति और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। उन्होंने बताया कि भारत पिछले 35-40 वर्षों से सीमापार आतंकवाद से जूझ रहा है और अब उसने पूरी दुनिया को यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद के खिलाफ कोई भी सीमा नहीं है, जहां भारत नहीं जा सकता।
राजनाथ सिंह ने कहा, “यह सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि हमारे बलिदानी सैनिकों का सपना था – कि चाहे आतंकवादी घाटियों में छिपे हों या बंकरों में, उन्हें खत्म किया जाएगा। यह ऑपरेशन हमारे जवानों की आंखों का संकल्प था, जिसे उन्होंने पूरा कर दिखाया।”