मणिपुर: मणिपुर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एक गंभीर खतरा सामने आया है। खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट के अनुसार, म्यांमार से करीब 900 आतंकवादी मणिपुर में दाखिल हो चुके हैं और राज्य में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रच रहे हैं। इस खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने भी इस खुफिया जानकारी की पुष्टि करते हुए इसे विश्वसनीय और सत्यापित बताया है।
कुकी बहुल इलाके में आतंकवादियों की घुसपैठ: खुफिया रिपोर्ट
मणिपुर के म्यांमार से सटे पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवादियों की घुसपैठ के बाद से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। विशेष रूप से कुकी बहुल इलाकों को आतंकियों के निशाने पर होने की संभावना जताई जा रही है। जानकारी के मुताबिक, ये आतंकवादी ड्रोन चलाने में कुशल हैं और अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग कर सकते हैं। खुफिया विभाग ने राज्य के सभी एसपी और पुलिस अधिकारियों को यह रिपोर्ट भेज दी है, ताकि सुरक्षा व्यवस्था में कोई चूक न हो।
आतंकी समूहों की रणनीति: मैतेई बहुल इलाकों को निशाना बनाने की साजिश
खुफिया रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि म्यांमार से आए ये आतंकी 30-30 के समूहों में विभाजित होकर राज्यभर में फैलने की योजना बना रहे हैं। उनकी साजिश विशेष रूप से मैतेई बहुल इलाकों को निशाना बनाने की है, जिससे राज्य में सामुदायिक तनाव और बढ़ सकता है। यह खुफिया जानकारी मणिपुर में बढ़ती हिंसा और अस्थिरता के बीच सामने आई है, जिससे प्रशासन की चिंताएँ और बढ़ गई हैं।
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह का बयान
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने खुफिया विभाग की रिपोर्ट पर सहमति जताते हुए कहा, “यह रिपोर्ट शत-प्रतिशत सही है। हमें खुफिया विभाग की जानकारी पर पूरा भरोसा करना चाहिए।” उन्होंने आगे कहा कि मणिपुर में हाल के दिनों में बढ़ी हुई हिंसा के पीछे इन आतंकियों का हाथ हो सकता है। सिंह ने यह भी बताया कि राज्य में 1 सितंबर के बाद से हिंसा के मामले में तेजी आई है, जो स्थिति को और चिंताजनक बना रहा है।
बढ़ती हिंसा के बीच मणिपुर में उच्च सुरक्षा अलर्ट
1 सितंबर के बाद से मणिपुर में हिंसा में एक बार फिर तेजी आई है। आतंकियों की इस घुसपैठ ने राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को और जटिल बना दिया है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों को चौकस रहने के निर्देश दिए गए हैं। विशेष रूप से सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।