नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक (CCPA) में देश के सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को प्रभावित करने वाले दो बड़े फैसले लिए गए। जहां एक ओर सरकार ने जाति जनगणना को मूल जनगणना में शामिल करने की ऐतिहासिक मंजूरी दी, वहीं गन्ना किसानों के लिए उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) में बढ़ोतरी कर दी गई।

जाति जनगणना को जनगणना प्रक्रिया में शामिल करने का ऐलान
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता में बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि अब जाति की गणना मूल जनगणना प्रक्रिया का हिस्सा होगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे और समाज में संदेह की भावना न पनपे।
उन्होंने कहा कि,
“कांग्रेस सरकारों ने पहले केवल जाति सर्वेक्षण कराए, और उसे राजनीतिक लाभ के लिए प्रयोग किया। कई राज्यों ने गैर-पारदर्शी तरीके से जातिगत सर्वे किए, जिससे समाज में भ्रांतियां फैलीं। अब समय आ गया है कि इसे संवैधानिक और वैज्ञानिक तरीके से किया जाए।”
अश्विनी वैष्णव ने यह भी बताया कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल में विचार की बात कही थी, जिसके बाद एक मंत्रियों का समूह बनाया गया था, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
सिलचर-शिलांग हाई स्पीड कॉरिडोर को भी मिली मंजूरी
बैठक में असम और मेघालय को जोड़ने वाली सिलचर-शिलांग हाई स्पीड कॉरिडोर परियोजना को भी हरी झंडी दी गई।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 22,864 करोड़ रुपये बताई गई है।
“यह परियोजना पूर्वोत्तर भारत के लिए गेम चेंजर साबित होगी,” – अश्विनी वैष्णव

गन्ना किसानों के लिए लाभकारी मूल्य में बढ़ोतरी
सरकार ने 2025-26 (अक्टूबर से सितंबर) के लिए गन्ने का एफआरपी (FRP) 355 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जो अब तक का उच्चतम स्तर है।
इसके अनुसार:
- 10.25% रिकवरी दर के लिए न्यूनतम मूल्य 355 रु./क्विंटल तय किया गया।
- हर 0.1% रिकवरी वृद्धि पर 3.46 रु./क्विंटल की अतिरिक्त राशि मिलेगी।
- रिकवरी में कमी होने पर भी उतनी ही दर से मूल्य में कटौती की जाएगी।
सरकार के अनुसार इस निर्णय से गन्ना किसानों को कुल 1 लाख 11 हजार 701 करोड़ रुपये का भुगतान होगा।