झुंझुनूं, 19 अप्रैल 2025: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के 20 अप्रैल को प्रस्तावित झुंझुनूं दौरे के दौरान बहुजन समाज से जुड़े अहम मुद्दों को लेकर भीम आर्मी भारत एकता मिशन की ओर से ज्ञापन सौंपा जाएगा। संगठन की जिला इकाई ने समाज के वंचित वर्गों पर हो रहे अन्याय और भेदभाव के मामलों पर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग की है।
भीम आर्मी के जिला अध्यक्ष विकास आल्हा ने बताया कि जिले सहित पूरे प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लोगों के साथ हो रहे भेदभाव और सामाजिक उत्पीड़न की घटनाएं चिंता का विषय हैं। ऐसे में संगठन मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की मांग करते हुए पांच प्रमुख मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपेगा।
ये रहेंगी ज्ञापन की प्रमुख मांगे:
- अंबेडकर सर्किल का नामकरण:
झुंझुनूं जिला परिषद कार्यालय के निकट स्थित सर्किल का नाम ‘डॉ. भीमराव अंबेडकर सर्किल’ किया जाए, ताकि समाज में संविधान निर्माता के योगदान को सम्मान मिल सके। - अंबेडकर प्रतिमाएं सभी प्रशासनिक मुख्यालयों पर:
जिले की सभी तहसीलों और पंचायत समिति कार्यालय परिसरों में डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित की जाए, जिससे समाज में समानता और संविधानिक चेतना का प्रसार हो। - अनुसूचित जाति-जनजाति के मामलों में शीघ्र गिरफ्तारी:
दलित समाज के विरुद्ध दर्ज अपराधों में पुलिस द्वारा समय पर कार्रवाई नहीं होने से पीड़ितों में असुरक्षा की भावना है। ऐसे मामलों में अपराधियों की तत्काल गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाए। - छात्रवृत्तियों में पारदर्शिता और समयबद्ध वितरण:
अनुसूचित वर्ग के छात्र-छात्राओं को समय पर छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है। कई मामलों में भ्रष्टाचार के कारण पात्र विद्यार्थियों को भी वंचित रहना पड़ता है। इस व्यवस्था में सुधार कर पारदर्शिता लाई जाए। - सामाजिक भेदभाव की घटनाओं पर सख्त कार्रवाई:
शादी-विवाह में बारात रोकने, दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं चढ़ने देने जैसी घटनाएं आज भी सामने आ रही हैं। ऐसी सामाजिक असमानता और भेदभाव को रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
विकास आल्हा ने जताई मुख्यमंत्री से सकारात्मक पहल की उम्मीद
जिला अध्यक्ष विकास आल्हा ने कहा कि बहुजन समाज को न्याय दिलाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। मुख्यमंत्री से अपेक्षा है कि वे इन मुद्दों को गंभीरता से लेते हुए जल्द से जल्द समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के लिए सरकार को जवाबदेह बनाना जरूरी है।