चिड़ावा में आयोजित 10 दिवसीय माटी कला प्रशिक्षण शिविर का निरीक्षण करने श्री यादें माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टाक पहुंचे। उन्होंने शिविर में भाग ले रहे कलाकारों द्वारा बनाई गई मूर्तियों और अन्य कलाकृतियों की सराहना की।
प्रदेश स्तर पर मिलेगा प्रशिक्षण
टाक ने कलाकारों को बताया कि राज्य सरकार कलाकारों के कौशल विकास के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें प्रदेश स्तर पर प्रशिक्षण देने की योजना बनाई जा रही है। साथ ही, उन्होंने कलाकारों को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के बारे में भी जानकारी दी।
युवा मूर्तिकार ने भेंट की स्वामी विवेकानंद की मूर्ति
शिविर में युवा मूर्तिकार ऋषिकेश कुमावत ने टाक को विवेकानंद जी की एक खूबसूरत मूर्ति भेंट की। टाक ने ऋषिकेश की प्रतिभा की सराहना करते हुए कहा कि वह अपनी कला के माध्यम से राज्य का नाम रोशन कर रहा है।
शिविर में शामिल हुए
शिविर में विनोद (जिलाध्यक्ष कुम्हार कुमावत महासभा), लक्ष्मी देवी नरहंड (महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष), राजेश वर्मा (युवा जिला अध्यक्ष), हेमंत, ऋषिकेश, श्याम सुंदर, सूंडा राम, सुरेंद्र, सांवर जी, गोपीराम, लक्ष्मण जी, अशोक, सुप्यार देवी, शुभेदा देवी और समाज के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
माटी कला का महत्व
माटी कला भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है। यह कला न केवल हमारे देश की कला और संस्कृति को दर्शाती है बल्कि यह हमारे पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद है। मिट्टी के बर्तन स्वास्थ्य के लिए अच्छे होते हैं और इनका उपयोग पर्यावरण को बचाने में भी किया जा सकता है।