पश्चिम बंगाल: पश्चिम बंगाल की तेजतर्रार तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने एक बार फिर अपनी निजी जिंदगी को लेकर सुर्खियों में जगह बना ली है। खबरों के अनुसार, उन्होंने 3 मई 2025 को जर्मनी में गुपचुप तरीके से शादी कर ली है। उनके जीवनसाथी बने हैं बीजू जनता दल (BJD) के वरिष्ठ और अनुभवी लोकसभा सांसद पिनाकी मिश्रा।
शादी की खबर पर सस्पेंस, लेकिन तस्वीर ने मचाया सोशल मीडिया पर हड़कंप
हालांकि, इस विवाह को लेकर अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। न तो महुआ मोइत्रा और न ही पिनाकी मिश्रा की ओर से कोई बयान जारी हुआ है। दोनों नेताओं ने फिलहाल इस विषय पर चुप्पी साध रखी है।

लेकिन इस बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है, जिसमें महुआ मोइत्रा पारंपरिक भारतीय परिधान और भारी सोने के आभूषणों में मुस्कुराते हुए नजर आ रही हैं। साथ ही, बैकग्राउंड में एक सज्जन दिखाई दे रहे हैं, जिनकी पहचान पिनाकी मिश्रा के रूप में की जा रही है।
यह तस्वीर जर्मनी में आयोजित विवाह समारोह की बताई जा रही है, जिसे बहुत ही निजी और सीमित उपस्थिति में सम्पन्न किया गया।
पहले भी रही है निजी जीवन को लेकर चर्चा में
महुआ मोइत्रा का निजी जीवन पहले भी सार्वजनिक चर्चाओं का विषय रहा है। उन्होंने पहले डेनमार्क के फाइनेंसर लार्स ब्रोरसन से विवाह किया था, जो बाद में तलाक में बदल गया। इसके बाद उन्होंने तीन वर्षों तक सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्रई के साथ संबंध में रहने की बात स्वीकारी थी। हालांकि, बाद में महुआ ने उन्हें “धोखा खाया प्रेमी” कहा और उनके साथ संबंधों को लेकर कानूनी और सार्वजनिक विवाद भी सामने आए।
लोकसभा में विवादों से भरा रहा पहला कार्यकाल
महुआ मोइत्रा का पहला लोकसभा कार्यकाल भी विवादों से अछूता नहीं रहा। तृणमूल की मुखर नेता के तौर पर पहचान बना चुकीं महुआ पर आरोप लगे कि उन्होंने अदानी समूह पर सवाल एक प्रतिस्पर्धी कारोबारी के कहने पर संसद में उठाए थे। इस मामले को लेकर सीबीआई और ईडी जैसी एजेंसियों ने जांच भी शुरू की थी।
इसके बावजूद, संसद में उनके भाषण और आलोचनात्मक दृष्टिकोण ने उन्हें विपक्ष की एक प्रमुख आवाज बना दिया।
पिनाकी मिश्रा: ओडिशा की राजनीति का बड़ा नाम
महुआ मोइत्रा के जीवनसाथी बने पिनाकी मिश्रा, ओडिशा की राजनीति में एक सशक्त चेहरा माने जाते हैं। बीजेडी के वरिष्ठ नेता और लोकसभा सांसद के रूप में उनकी गिनती अनुभवी नेताओं में होती है। वह कानून के क्षेत्र से भी जुड़े रहे हैं और संसद में संवैधानिक मुद्दों पर मुखर रूप से अपनी बात रखते आए हैं।

क्या राजनीति पर होगा असर?
इस विवाह से तृणमूल कांग्रेस और बीजेडी के संबंधों पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना दिलचस्प होगा। दोनों ही नेता अपने-अपने दलों में स्वतंत्र विचारों के लिए जाने जाते हैं। हालांकि, इस विवाह को निजी संबंध के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसके राजनीतिक निहितार्थों पर चर्चाएं तेज हैं।