महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतगणना के दौरान सियासी गर्मी तेज हो गई है। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बड़ा बयान देते हुए चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने महायुति (बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी) के अप्रत्याशित प्रदर्शन पर सवाल खड़े करते हुए इसे जनता का असली फैसला मानने से इनकार कर दिया।
संजय राउत का आरोप: “यह जनता का फैसला नहीं”
संजय राउत ने कहा, “हम जो देख रहे हैं, उससे लगता है कि कुछ गड़बड़ है। यह जनता का फैसला नहीं हो सकता। महाराष्ट्र की जनता का मन हमें पता था, लेकिन यहां नतीजे चौंकाने वाले हैं।”
उन्होंने दावा किया कि महायुति को 120 से ज्यादा सीटें मिलना संदिग्ध है और एमवीए (महाविकास अघाड़ी) को 75 सीटें भी नहीं मिल रही हैं, यह सवाल खड़े करता है। राउत ने महायुति पर धनबल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए कहा, “हर चुनाव क्षेत्र में नोटों की मशीन लगाई गई।”
अडानी विवाद और चुनावी गड़बड़ी पर बयान
राउत ने गौतम अडानी से जुड़े मामले का जिक्र करते हुए कहा कि बीजेपी ने इस मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए चुनाव परिणामों में हेरफेर किया है। उन्होंने कहा, “दो दिन पहले अडानी के खिलाफ वारंट जारी हुआ, जिससे बीजेपी की पोल खुल गई। मुंबई अब गौतम अडानी की जेब में जा रहा है। यह महाराष्ट्र की जनता के साथ धोखा है।”
Mumbai | As Mahayuti has crossed the halfway mark in Maharashtra, Shiv Sena UBT leader Sanjay Raut says, "From what we are seeing, it seems that something is wrong. This was not the decision of the public. Everyone will understand what is wrong here. What did they (Mahayuti) do… pic.twitter.com/COjoVJpfi3
— ANI (@ANI) November 23, 2024
महायुति 215 सीटों पर आगे, एमवीए को झटका
ताजा आंकड़ों के अनुसार, महायुति 215 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि महाविकास अघाड़ी केवल 61 सीटों पर सिमटती नजर आ रही है। 288 सीटों वाली विधानसभा में यह प्रदर्शन महायुति के लिए ऐतिहासिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, राउत ने एमवीए की 4-5 सीटें “चोरी” करने का आरोप भी लगाया।
288 सीटों पर 4,136 प्रत्याशियों के बीच मुकाबला
इस चुनाव में 4,136 प्रत्याशियों ने अपनी किस्मत आजमाई, जिनमें से 2,086 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। इसके अलावा, 150 से ज्यादा सीटों पर बागी उम्मीदवारों ने मुकाबले को दिलचस्प बना दिया। ये बागी प्रत्याशी महायुति और एमवीए के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं, जिससे कई सीटों पर संघर्ष त्रिकोणीय हो गया है।