नई दिल्ली: महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर संसद भवन लॉन में देश के प्रमुख नेताओं ने भारतीय संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला उपस्थित रहे। इन नेताओं ने डॉ. अंबेडकर की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके महान योगदान को याद किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया प्रेरणादायक योगदान का उल्लेख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “महापरिनिर्वाण दिवस पर, हम हमारे संविधान के निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को नमन करते हैं। समानता और मानवीय गरिमा के लिए डॉ. अंबेडकर का अथक संघर्ष पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।”
उन्होंने अपने संदेश के साथ मुंबई में चैत्य भूमि की अपनी यात्रा की तस्वीर साझा की और अंबेडकर के सपनों को साकार करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भुवनेश्वर में दी श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भुवनेश्वर में एक कार्यक्रम के दौरान डॉ. अंबेडकर को पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने एक्स पर लिखा, “डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर, मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। उनके आदर्श और विचार देश के विकास में अमूल्य योगदान देते हैं।”
लोकसभा अध्यक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष ने किया सम्मान व्यक्त
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा, “राष्ट्र निर्माता, सामाजिक न्याय के संरक्षक एवं भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। उनका समतामूलक समाज का स्वप्न और संविधान निर्माण में उनका अतुलनीय योगदान हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने डॉ. अंबेडकर को “संविधान और सामाजिक न्याय का प्रबल समर्थक” बताते हुए कहा, “बाबासाहेब ने अपना पूरा जीवन स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए समर्पित कर दिया। उनके आदर्शों और विचारों की रक्षा करना समय की सबसे बड़ी जरूरत है।”
डॉ. अंबेडकर का योगदान: भारत की दिशा और दशा को किया निर्धारित
डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में देश के लोकतांत्रिक मूल्यों की नींव रखी। सामाजिक न्याय, समानता और बंधुत्व की अवधारणा को संविधान में शामिल कर उन्होंने लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित किया।
महापरिनिर्वाण दिवस, जो हर साल 6 दिसंबर को मनाया जाता है, डॉ. अंबेडकर के जीवन और योगदान को याद करने का दिन है। वर्ष 1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया।