इंफाल, मणिपुर: मणिपुर एक बार फिर से अशांति के साये में है। इंफाल घाटी के पांच प्रमुख जिलों — इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग — में शनिवार रात से इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं निलंबित कर दी गई हैं। इसके साथ ही रविवार को प्रशासन ने इन्हीं जिलों में अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू भी लागू कर दिया है। यह कदम उग्रवादी संगठन अरमबाई टेंगोल के एक प्रमुख नेता और उसके चार साथियों की गिरफ्तारी के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर उठाया गया है।

कर्फ्यू और इंटरनेट प्रतिबंध: कानून-व्यवस्था बनाए रखने की कोशिश
राज्य सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSC) की धारा 163 के तहत यह आदेश जारी किया है, जिसके अनुसार पांच या उससे अधिक लोगों के एकत्र होने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। साथ ही किसी भी प्रकार के हथियार, लाठी, पत्थर या आग्नेयास्त्रों के साथ चलने पर रोक लगा दी गई है।
शनिवार देर रात राज्य के गृह विभाग के आयुक्त-सह-सचिव एन. अशोक कुमार द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि राज्य की कानून व्यवस्था की वर्तमान स्थिति को देखते हुए, कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया के जरिए भड़काऊ सामग्री और घृणास्पद वीडियो का प्रसार कर सकते हैं, जिससे राज्य में शांति व्यवस्था बिगड़ने की आशंका है। इसी आशंका के चलते वीसैट और वीपीएन सहित सभी इंटरनेट सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई हैं।
अरमबाई टेंगोल नेताओं की गिरफ्तारी बनी अशांति की वजह
हिंसा और तनाव की यह ताजा लहर मैतेई उग्रवादी संगठन ‘अरमबाई टेंगोल’ के पांच सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद शुरू हुई। गिरफ्तार किए गए नेताओं में संगठन का एक शीर्ष नेता कानन सिंह भी शामिल है। जानकारी के अनुसार, सभी गिरफ्तार आरोपियों को रविवार को स्थानीय अदालत में पेश किया जाना था।
गिरफ्तारी के बाद, बड़ी संख्या में पुरुष और महिला प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। इंफाल पश्चिम के क्वाकेथेल और उरीपोक क्षेत्रों में सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर जलाकर प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने बंदियों की तत्काल रिहाई की मांग की और कई प्रमुख प्रशासनिक इमारतों का घेराव किया।

हिंसा की घटनाएं, आत्मदाह की कोशिश
स्थिति को संभालने के लिए राज्य और केंद्र सरकार की संयुक्त सुरक्षाबलों की टुकड़ियां विभिन्न संवेदनशील इलाकों में तैनात कर दी गई हैं। खासकर इंफाल पश्चिम और पूर्व जिलों में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में बलों की गश्त बढ़ा दी गई है।
प्रदर्शनकारियों ने प्रतीकात्मक विरोध के रूप में कुछ स्थानों पर खुद पर पेट्रोल छिड़ककर आत्मदाह की कोशिश भी की। क्वाकेथेल इलाके में गोलियों की आवाजें सुनाई देने की खबरें भी आईं, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि गोलीबारी किसने की और क्या कोई घायल हुआ।