बिष्णुपुर, मणिपुर: मंगलवार 30 अप्रैल को मणिपुर के बिष्णुपुर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई, जहाँ महिलाओं के एक बड़े समूह ने भारतीय सेना के काफिले को रोककर 11 गिरफ्तार लोगों को जबरदस्ती रिहा करा लिया। यह घटना उस समय हुई जब सेना के जवानों ने हथियारों और गोला-बारूद के साथ संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया था।
सेना ने किया संदिग्ध लोगों को हिरासत में
मणिपुर पुलिस के अनुसार, भारतीय सेना की महार रेजिमेंट की एक टुकड़ी गश्त लगा रही थी, तभी उन्हें कुंबी इलाके में दो एसयूवी संदिग्ध गतिविधि करती दिखीं। सेना के जवानों ने दोनों वाहनों को रोका और उनमें सवार लोगों को हिरासत में ले लिया। इन लोगों के पास से तीन एके-47 राइफल, पांच इंसास राइफल, दो एसएलआर, दो हैंड ग्रेनेड, बुलेटप्रूफ जैकेट और अन्य सामान बरामद हुआ।
महिलाओं ने किया हंगामा, 11 लोगों को छुड़ाया
हालांकि, थोड़ी देर बाद ‘मीरा पैबिस’ नामक एक महिला संगठन की सदस्य मौके पर पहुंचीं और उन्होंने सेना से हथियार और गिरफ्तार लोगों को उन्हें सौंपने की मांग की। स्थिति तनावपूर्ण होने लगी और महिलाओं ने सड़क जाम कर दिया, जिससे सेना का काफिला रुक गया।
मणिपुर पुलिस के अनुसार, “महिलाओं के एक समूह ने इकट्ठा होना शुरू कर दिया और सुरक्षा बलों की आवाजाही को रोकने के लिए सड़क को अवरुद्ध कर दिया। सेना की ओर से स्थिति बिगड़ने की सूचना मिलने पर जिला पुलिस मौके पर पहुंची।”
पुलिस के बयान के अनुसार, “सेना के जवानों ने बताया कि उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद आक्रामक टकराव के दौरान महिलाओं ने 11 लोगों को छुड़ा लिया।”
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो
इस घटना के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिनमें सैकड़ों महिलाओं को सड़क पर प्रदर्शन करते हुए और सेना के काफिले को रोकते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में यह भी दिख रहा है कि भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सेना हवा में फायरिंग कर रही है।
मणिपुर पुलिस का बयान
मणिपुर पुलिस ने यह स्पष्ट किया है कि 27 अप्रैल को नारानसैना में हुई घटना, जिसमें सीआरपीएफ के दो जवान मारे गए थे, का इस घटना से कोई संबंध नहीं है।